अमेरिका के वॉशिंगटन स्थित मैककॉर्ड एयफोर्स बेस पर भारतीय और अमेरिकी सैनिकों का संयुक्त युद्धाभ्यास चल रहा है। इस मौके पर जवानों ने असम रेजिमेंट के मार्चिंग गीत 'बदलूराम का बदन जमीन के नीचे है' को गाते हुए खूब डांस किया।
दिलचस्प बात यह रही कि इस गीत आयोजन मे अमेरिकी जवानों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। उनका वीडियो सामने आया है। वीडियो वायरल हो रहा है। समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा ट्वीट किए गए वीडियो खबर लिखे जाने तक 47 हजार से ज्यादा बार देखा जा चुका था। सोशल मीडिया यूजर्स की इस वीडियो पर खासी प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं।
जिस शख्स को याद करते हुए जवान वीडियो में गाते और नाचते दिख रहे हैं, उसकी कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। बदलूराम की कहानी से पहले एक नजर गीत के बोलों पर डाल लीजिए, उससे आपको काफी कुछ अंदाजा लगेगा।
एक खूबसूरत लड़की थीउसको देख रायफलमेनचिंदी खींचना भूल गयाहवलदार मेजर देख लिया
उसको पिट्टू लगायाबदलूराम एक सिपाही थाजापान वॉर में मर गयाक्वॉर्टर मास्टर स्मार्ट थाउसने राशन निकालाबदलूराम का बदन जमीन के नीचे हैंतो हमें उसका राशन मिलता है
शाबाश हल्लेलुजाह...तो हमें उसका राशन मिलता है
'बदलूराम का बदन जमीन के नीचे है' गाने का इतिहास
दूसरे विश्वयुद्ध के समय भारतीय सैनिक बदलूराम जापान के खिलाफ जंग में शहीद हो गए थे। उस समय सैनिक भोजन राशन लेने के हकदार थे। बदलूराम की शहादत के बाद एक अधिकारी सेना को उनकी मौत के बारे में सूचित करना भूल गया। नतीजतन, बदलूराम का राशन सेना की इकाई के लिए अतिरिक्त राशन हो गया। बदलूराम के राशन ने एकबार 100 से ज्यादा जवानों की भूख मिटाई थी और उन्हें जिंदा रखा था। बता दें कि असम रेजीमेंट की स्थापना 15 जून 1941 को शिलॉन्ग में हुई थी। मकसद जापान के बढ़ते खतरे का सामना करना था।
बता दें कि इसी वर्ष की शुरुआत में 15 जनवरी को एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें 16 हजार फीट की ऊंचाई और शून्य से 40 डिग्री कम तापमान वाले नॉर्थ सिक्किम बॉर्डर पर असम रेजिमेंट के जवान ने बदलूराम गाने पर झूमते दिख रहे थे।