संशोधित नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ अहमदाबाद शहर के मुस्लिम बहुल शाह-ए-आलम इलाके में विरोध प्रदर्शन 19 दिसंबर को हिंसक हो गया। पथराव की घटना में कम से कम पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए । पुलिस ने करीब 2000 लोगों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। पुलिस ने जब प्रदर्शनकारियों को हटाने की कोशिश की तो उन्होंने पथराव किया। इस पथराव के कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए हैं। जिनको देखने के बाद लोग सन्न रह गए हैं। ट्विटर पर #AhmedabadPolice के साथ वीडियो हजारों लोगों ने शेयर कर अपना गुस्सा निकाला है। ट्विटर पर लोग लिख रहे हैं कि ऑन ड्यूटी पुलिसकर्मियों की जिस तरह के पिटाई की गई है, वह कहीं से भी विरोध का हिस्सा नहीं हो सकता है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि पुलिसकर्मी भागकर छिपने की कोशिश करते हैं लेकिन भीड़ ने उन्हें नहीं छोड़ा।
सोशल मीडिया पर एक वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि एक दुकान पर चार पुलिसवाले भीड़ को शांत करने के बाद घर लौट रहे थे और इसी बीच वह एक दुकान पर खड़े थे, तभी सैकड़ों उपद्रवियों ने घेर कर उनपर पत्थर बरसाए। इसके बाद उन्हें दौड़ा-दौड़ाकर पिटा।
इसके अलावा भी कई वीडियो अहमदाबाद के सामने आए हैं। एक वायरल वीडियो में दिख रहा है कि एक पुलिस वाला भीड़ के आतंक से भागने की कोशिश में लगा है कि लेकिन उसको लोगों ने पहले रस्सी से फंसाकर गिराया और फिर पिटाई की।
देखें लोगों की प्रतिक्रिया
अहमदाबाद पथराव में सहायक पुलिस आयुक्त आर बी राणा सहित कम से कम पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए। सहायक पुलिस आयुक्त आशीष भाटिया ने कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है। उन्होंने कहा, ‘‘हम आरोपियों की पहचान करेंगे और उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करेंगे। शाह-ए-आलम इलाके में पथराव को छोड़कर शहर के किसी भी हिस्से में कोई अप्रिय घटना नहीं हुयी।’’ 20 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया।
माकपा, भाकपा सहित वाम दलों और उनसे जुड़े संगठनों ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स आर्गेनाइजेशन (डीएसओ) और एसयूसीआई (कम्युनिस्ट) ने प्रदर्शन का आयोजन किया।