महाराष्ट्र में सरकार बनाने के पावर गेम का सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कल (27 नवंबर) को अंत होता दिख रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने हम महाराष्ट्र के राज्यपाल को निर्देश दिया है कि वह 27 नवंबर को विश्वास मत सुनिश्चित करवाने के लिए तैयारी करें और महाराष्ट्र विधानसभा के सभी निर्वाचित सदस्य 27 नवंबर को शपथ लेंगे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कुछ मिनटों बाद ही शिवसेना नेता और प्रवक्ता संजय राउत ने ट्वीट कर कहा है, ''सत्यमेव जयते''
इसके बाद उन्होंने एक और ट्वीट किया। जिसमें उन्होंने लिखा है- सत्य परेशान हो सकता है..पराजित नहीं हो सकता...जय हिंद!!
संजय राउत के ट्वीट करते ही उनका पोस्ट चर्चा में आ गया है। लोग उनके पोस्ट में हजार प्रतिकिया भी दे चुके हैं।
ट्वीट करने के कुछ मिनटों में ही संजय राउत के पोस्ट पर हजारों लोगों ने लाइक किया। हालांकि कमेंट कर लोग उन्हें चैलेंज ही कर रहे हैं कि कल विधानसभा में मिलने के बाद ही बात होगी।
वहीं एक यूजर ने लिखा है, महाराष्ट्र में भाजपा ने कांग्रेस को लटका दिया है, शिवसेना को झटका दिया है, और राष्ट्रवादी कांग्रेस को अटका दिया है।
वहीं एक यूजर ने लिखा कि वोट तो आपने पीएम मोदी के नाम से ही मांगा है और ये सच है।
बता दें कि शनिवार (23 नवंबर) को देवेंद्र फड़नवीस ने मुख्यमंत्री और अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। जबकि शिवसेना ने दावा किया कि शिवसेना-राकांपा- कांग्रेस गठबंधन के पास 165 विधायकों का समर्थन है और वह आसानी से विधानसभा में बहुमत साबित कर देगा। बीजेपी ने दावा किया है कि फड़नवीस के पास 170 विधायकों का समर्थन है। 288 सदस्यीय सदन में बहुमत के लिए 145 विधायकों की जरूरत है।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला, 27 नवंबर को होगा बहुमत परीक्षण
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई करते हुए महाराष्ट्र के राज्यपाल को निर्देश दिया कि वह 27 नवंबर को राज्य विधानसभा में शक्ति परीक्षण सुनिश्चित करें। अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस को बुधवार को विधानसभा में बहुमत साबित करना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को निर्देश दिया कि वह यह भी सुनिश्चित करें कि सदन के सभी निर्वाचित सदस्य बुधवार को ही शपथ ग्रहण करें।
कोर्ट ने कहा कि समूची प्रक्रिया पांच बजे तक पूरी हो जानी चाहिए। न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा में शक्ति परीक्षण के दौरान गुप्त मतदान नहीं हो और विधानसभा की पूरी कार्यवाही का सीधा प्रसारण किया जाए। राज्यपाल राज्य विधानसभा के अस्थायी अध्यक्ष को भी नियुक्त करेंगे जो नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलवाएंगे।