नई दिल्ली: कोरोना वायरस खतरे के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने शाहीन बाग में संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन पर बैठे लोगों को मंगलवार (24 मार्च) सुबह वहां से हटा दिया। महिला प्रदर्शनकारी सीएए के खिलाफ तीन माह से भी ज्यादा वक्त से शाहीन बाग में धरने पर बैठी हैं। शागीन बाग के प्रदर्शन कारियों को हटाकर दिल्ली पुलिस सोशल मीडिया पर ट्रेंड में आ गई है। ट्विटर पर हैशटैग दिल्ली पुलिस ट्रेंड कर रहा है। लोग दिल्ली पुलिस का इस काम के लिए धन्यवाद दे रहे हैं। स्थानीय लोगों ने डीसीपी साउथ आर.पी. मीणा और अन्य पुलिस कर्मियों को आज शाहीन बाग प्रदर्शन स्थल खाली करवाने के लिए गुलाब फूल देकर थैंक्यू कहा।
वहीं शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों को सोशल मीडिया पर नसीहत दी जा रही है। लोग उनको सलाह दे रहे हैं कि प्रदर्शन करने आपको सीएए से आजादी मिले या ना मिले लेकिन कोरोना से आप जिंदगी से आजाद जरूर हो जाएंगे।
रेसलर योगेश्वर दत्त ने भी दिल्ली पुलिस द्वारा शाहीन बाग खाली करवाने को सही कदम बताया है।
बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने ट्वीट किया, दिल्ली को आजदी मिल गई।
देखें लोगों की प्रतिक्रिया
पुलिस उपायुक्त (दक्षिण-पूर्व) आर पी मीणा ने कहा कि कोरोना वायरस प्रकोप के कारण लॉकडाउन (बंद) लागू किए जाने के बाद शाहीन बाग में प्रदर्शन स्थल को खाली करने का अनुरोध किया गया था। अधिकारी के अनुसार जब प्रदर्शनकारियों ने जगह खाली करने से इनकार कर दिया तो कार्रवाई की गई और प्रदर्शन स्थल खाली करा लिया गया।
‘जनता कर्फ्यू’ के दिन भी शाहीन बाग की महिलाओं ने किया था प्रदर्शन
शाहीन बाग में महिला प्रदर्शनकारी रविवार को ‘जनता कर्फ्यू’ के दिन भी अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘जनता कर्फ्यू’ की घोषणा की थी और लोगों से अपने घरों के अंदर ही रहने की अपील की थी। संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में महिलाओं ने दिसंबर के मध्य से ही दक्षिणपूर्वी दिल्ली से नोएडा को जोड़ने वाली सड़क का एक साइड अवरूद्ध कर रखा था। सोमवार को, दिल्ली सरकार ने कहा था कि कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर 50 से अधिक लोगों वाले समारोहों की अनुमति नहीं है, जिसकी संख्या घटाकर अब 20 कर दी गई है।