पाकिस्तान में सिख धर्म के पवित्र स्थल गुरुद्वारा ननकाना साहिब में 3 जनवरी 2020 को सैकड़ों लोगों की भीड़ ने पत्थरबाजी की और जमकर तोड़-फोड़ किया। गुरुद्वारे को शुक्रवार दोपहर को भीड़ ने घेर लिया था। भारत सरकार ने ननकाना साहिब में तोड़-फोड़ की घटना की कड़े शब्दों में निन्दा की है और पाकिस्तान सरकार से सिख समुदाय की सुरक्षा के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की है। इन सब के बीच कांग्रेस नेता ओर पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल हो रहे हैं। ट्विटर यूजर्स का कहना है कि अब क्यों नवजोत सिंह सिद्धू खामोश हैं, अब क्यों नहीं वह पाकिस्तान और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान पर अपनी राय दे रहे हैं। पिछले कुछ महीनों से नवजोत सिंह सिद्धू सोशल मीडिया और मेनस्ट्रीम मीडिया से दूरी बनाए हुए हैं।
ननकाना साहिब हमले को लेकर क्यों ट्रोल हो रहे हैं नवजोत सिंह सिद्धू
नवजोत सिंह सिद्धू ननकाना साहिब हमले को लेकर इसलिए ट्रोल हो रहे हैं क्योंकि पाकिस्तान के पीएम इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में नवजोत सिंह सिद्धू शामिल होने गए थे। शपथ ग्रहण समारोह के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने यह भी कहा था कि इमरान खान एक शांतिप्रिय प्रधानमंत्री हैं। इसी बात को लेकर लोग अब नवजोत सिंह सिद्धू से खफा हैं। लोग लिख रहे हैं कि जिस शख्स को आप शांतिप्रिय पीएम बता रहे थे, देखिए उनके राज में क्या हो रहा है।
इसके अलावा कई लोग इस बात से भी नाराज हैं कि सिख समुदाय से होने के बाद भी अभी तक नवजोत सिंह सिद्धू ने इस घटना की निंदा नहीं की है और ना ही पाकिस्तान सरकार को फटकार लगाई है।
ट्विटर पर लोग लिख रहे हैं कि ननकाना साहिब में हमला हो गया लेकिन फिर भी आप चुप्पी साधे हुए हैं। इसका क्या मतलब समझा जाए। देखें लोगों की प्रतिक्रिया
जानिए कैसे और क्यों हुआ पाकिस्तान में गुरुद्वारा ननकाना साहिब पर हमला
शुक्रवार (3 जनवरी) की शाम पाकिस्तान में गुरुद्वारा ननकाना साहिब पर पथराव किया गया। भीड़ ने चार घंटे तक प्रदर्शन गुरुद्वारा ननकाना साहिब के बाहर प्रदर्शन किया है। ये प्रदर्शन उस वक्त शुरू हुआ जब दूध-दही की एक दुकान पर हुए झगड़े ने बड़ा रूप ले लिया। इसके बाद उस इलाके की एक पुरानी घटना को एक साथ जोड़कर धार्मिक रूप दिया गया और तोड़फोड़ की गई।
बीबीसी में छपी रिपोर्ट्स के मुताबिक गुस्साई भीड़ ने गुरुद्वारा ननकाना साहिब को घेर लिया था। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस पथराव करने वाली भीड़ की अगुआई एक लड़के का परिवार कर रहा था जिसने कथित तौर पर गुरुद्वारे के एक कर्मचारी की बेटी को अगवा कर लिया था।
बीते साल 2019 के अगस्त में ननकाना साहिब के एक सिख परिवार ने छह लोगों पर उनकी 19 साल की लड़की जगजीत कौर को अगवा करने और जबरन धर्म परिवर्तन कराकर एक मुसलमान लड़के से शादी करवाने का आरोप लगाया था। जिसके बाद मामले की जांच हुई थी।
पाकिस्तान पुलिस ने दावा किया था कि अगवा की गई लड़की ने लाहौर की एक अदालत में मजिस्ट्रेट के सामने दफा 164 के तहत बयान दर्ज करवाया था कि 'उसने बिना किसी दबाव के, अपनी मर्जी से इस्लाम कबूल करने के बाद मुहम्मद एहसान नाम के लड़के से शादी की है।