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मोदी के पुराने दोस्त बने दुश्मन, पुरानी दरार फिर उभरी

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: January 19, 2018 11:03 AM2018-01-19T11:03:07+5:302018-01-19T11:03:58+5:30

प्रवीण तोगड़िया, संघ के प्रचारक संजय विनायक जोशी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र म�..

प्रवीण तोगड़िया, संघ के प्रचारक संजय विनायक जोशी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कभी अच्छे दोस्त थे। प्रवीण भाई और नरेन्द्र भाई एक स्कूटर पर बैठकर गुजरात की सड़कों पर अक्सर देखे जाते थे। कहते हैं सत्ता मिजाज बदल देती है, और यही हुआ। नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बन गए। तब भी प्रवीण तोगड़िया उनके दोस्त थे। 2002 में गुजरात में गोधरा में ट्रेन की घटना के बाद दंगा भड़का। दंगे के दौरान संवाददाता से फोन पर प्रवीण तोगड़िया की बात हुई थी। तब प्रवीण भाई ने नरेन्द्र मोदी के शासन का बचाव किया था। लेकिन मोदी ने मौखिक तौर पर तोगड़िया को विभाग में नजरअंदाज किए जाने का संदेश दे दिया और खुद थोड़ा दूरी बनाने लगे। इसके बाद बिगड़ने का सिलसिला चल निकला। फिर चाहे गुजरात में सड़क या विकास के रास्ते में आ रहे मंदिरों को प्रशासन द्वारा तोड़ा जाना हो या अन्य टकराव की नींव पड़ने लगी। गुजरात पुलिस ने वीएचपी के कार्यकर्ताओं से सख्ती से निबटना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे प्रवीण तोगड़िया भी आलोचक हो गए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक इसे चाहे जैसे समझाएं, भाजपा चाहे जो नाम दे लेकिन विश्व हिन्दू परिषद अपने कार्यकारी अंतरराष्ट्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कटुता का अर्थ निकालने लगा है। संगठन के एक वरिष्ठ सूत्र का कहना है कि सबकुछ अचानक नहीं है। यह दो पुराने दोस्त के बीच 2002-03 से पैदा हुई दरार का नतीजा है। जाने अभी और क्या गुल खिलाएगी।

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