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कौन हैं राम मंदिर ट्रस्ट के पहले ट्रस्टी के. परासरन ?

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 6, 2020 13:16 IST

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  अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए गठित ट्रस्ट ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ का रजिस्टर्ड ऑफिस जाने-माने वकील एवं भारत के अटॉर्नी जनरल रहे के. पारासरन के दिल्ली स्थित घर में होगा..आखिर इस ट्रस्ट का ऑफिस जिनके घर पर कौन हैं वो के परासरन और क्यों इस ट्रस्ट का पता उनका घर है.. के पारासरन ने अयोध्या राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद स्वामित्व विवाद मामले में हिन्दू पक्षों की ओर से पैरवी की थी। ट्रस्ट के पते का जिक्र केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी नोटिफिकेशन में किया गया। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की वेबसाइट के अनुसार यह पारासरन का आवासीय पता है। 92 साल के परासरन अयोध्या राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद स्वामित्व विवाद मामले में पारासरन हिन्दू पक्षों की ओर से अग्रणी वकील थे। उन्होंने ‘रामलला विराजमान’ के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट  में पूरी विवादित जमीन के अधिग्रहण के लिए सफलतापूर्वक दलीलें रखीं। परासरन ने सुप्रीम कोर्ट  से कहा था कि उसे अपने सामने आए सभी मामलों में ‘‘पूर्ण न्याय’’ करना चाहिए और यह उनकी अंतिम इच्छा है कि उनके मरने से पहले मामला खत्म हो जाए।  हिन्दू विद्वान पारासरन अपनी दलीलों में अक्सर हिन्दू धर्म ग्रंथों से उदाहरण देते थे।  पारासरन ने 1958 में सुप्रीम कोर्ट में अपनी प्रैक्टिस शुरू की थी। इमरजेंसी के दौरान वो तमिलनाडु के महाधिवक्ता थे और 1980 में उन्हें भारत का सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किया गया। उन्होंने 1983 से 1989 तक भारत के अटॉर्नी जनरल के रूप में अपनी सेवा दी। अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया था और मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए 1 सरकार ने उन्हें पद्मविभूषण से सम्मानित किया करने के साथ ही राज्यसभा के लिए भी मनोनीत किया। तमिलनाडु के श्रीरंगम में 1927 में जन्मे पारासरन के पिता केशव अयंगर भी वकील और वैदिक विद्वान थे जिन्होंने मद्रास हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस की। पारासरन के तीन बेटे मोहन, सतीश और बालाजी भी वकील हैं।  
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