वरुण गांधी ने फिर घेरा मोदी सरकार को, बोले- 'केवल अग्निवीर ही क्यों सांसद-विधायक भी छोड़ें अपनी पेंशन'
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: June 24, 2022 05:34 PM2022-06-24T17:34:57+5:302022-06-24T17:43:27+5:30
नरेंद्र मोदी सरकार के लिए भस्मासुर का काम कर रहे भाजपा सांसद वरुण गांधी ने केंद्र की नई रक्षा भर्ती सेवा पर जबरदस्त हमला किया है। वरुण गांधी ने कहा कि अगर अग्निपथ सेवा के तहत देश की सेना में जाने वाले युवाओं को पेंशन का लाभ नहीं दिया जाता है तो वो भी बतौर सांसद अपनी पेंशन छोड़ने के लिए तैयार हैं।
इसके साथ ही उन्होंने भारतीय लोकतांत्रिक प्रणाली पर हमला करते हुए कहा कि आखिर किस आधार पर सांसद या विधायकों को पेंशन क्यों दी जा रही है, आखिर वो ऐसा क्या करते हैं। भाजपा सांसद ने मोदी सरकार से सवालिया लहजे में पूछा कि आखिर देश के सांसद और विधायक क्यों नहीं अपनी पेंशन छोड़ रहे हैं।
वरुण गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा कि सेना में शॉर्ट टर्म सर्विस करने वाले अग्निवीर पेंशन के हकदार नही हैं तो फिर जनप्रतिनिधियों को यह ‘सहूलियत’ क्यूं? अगर राष्ट्र रक्षकों को पेंशन का अधिकार नहीं मिल रहा है तो मैं भी खुद की पेंशन छोड़ने को तैयार हूं। क्या हम विधायक और सांसद अपनी पेंशन छोड़कर यह नहीं सुनिश्चित कर सकते कि अग्निवीरों को पेंशन मिले?’
बीते 2019 में जब से मोदी सरकार का दूसरा कार्यकाल शुरू हुआ है, वरुण गांधी गाहे-बगाहे इस सरकार की नीतियों की खुली आलोचना करते रहते हैं। लागू होने के साथ ही अग्निवीर योजना के खिलाफ लगातार अपनी आवाज बुलंद करते हुए वरुण गांधी ने योजना की खामियों को रेखांकित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भी कड़ा पत्र लिख चुके हैं।
वहीं भाजपा सांसद वरुण गांधी के अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी अग्निवीर योजना के खिलाफ विरोध दर्ज कराते हुए कहा कि अग्निवीर योजना में चार साल की शॉर्ट टर्म सर्विस खत्म करने बाद जह बड़ी संख्या में जवान सेना से रिटायर होकर घर वापसी करेंगे तो उन्हें कहां से रोजगार मिलेगा।
इसके अलावा आम आदमी पार्टी के मुखिया केजरीवाल ने यह भी कहा कि न उन्हें एक्स सर्विसमैन की सुविधाएं मिलेंगी और न ही पेंशन। सीएम केजरीवाल ने इस मामले में मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि सरकार इस विषय पर दोबारा सोचे, ये देश के युवाओं के भविष्य की बात है और उससे कोई खिलवाड़ नहीं कर सकता है।
केंद्र सरकार ने बीते 14 जून को ‘अग्निपथ योजना’ की योजना की घोषणा करते हुए कहा कि इसमें शामिल होने वाले युद्धवीरों की उम्र साढ़े 17 साल से 21 साल के बीच होगी और सेना में चार वर्ष सर्विस करने के बाद इनमें से 75 फीसदी को रिटायर कर दिया जाएगा और केवल 25 फीसदी युवाओं की सेवा नियमित किया जाएगा।
केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई इस योजना का देशभर में कड़ा विरोध हो रहा है, खासकर बिहार में तो युवाओं ने हिंसक विरोध-प्रदर्शन किया और करोड़ों रुपये की रेलवे की संपत्ति जला दी। जिसके बाद बैकफुट पर आयी सरकार ने पिछले दिनों 2022 में भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा को बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया है और साथ ही सेवाकाल के छुट्टी और अन्य सुविधाओं में बढ़ोतरी का भी ऐलान किया।