रेप का झूठा केस करने वाली महिला को मिली अनोखी सजा, जेल में बंद व्यक्ति के बराबर 1653 दिन की कैद, भरना होगा इतना जुर्माना
By आकाश चौरसिया | Published: May 7, 2024 04:42 PM2024-05-07T16:42:58+5:302024-05-07T17:06:38+5:30
अतिरिक्त डिस्ट्रिक्ट जज ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने महिला को 4 साल, 6 महीने और 8 दिन (1653 दिन) की रेप केस में वैसे सजा सुनाई। जैसी की कोर्ट ने पीड़ित व्यक्ति को साल 2018 में झूठे आरोपों पर कड़ी सजा सुनाई थी।
नई दिल्ली:उत्तर प्रदेश के बरेली जिले की कोर्ट ने अजय कुमार नाम के व्यक्ति पर रेप का गलत आरोप लगाने पर कोर्ट ने IPC की धारा 195 के तहत महिला को आरोपी मानते हुए उसी तरह की सजा दी, जैसा कि एक पुरुष को दिया था। इसके अतिरिक्त डिस्ट्रिक्ट जज ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने महिला को 4 साल, 6 महीने और 8 दिन (1653 दिन) की सजा सुनाई है। फिर से बता दें कि यह एकदम वैसा ही है, जैसे कोर्ट ने पीड़ित व्यक्ति को साल 2018 में झूठे आरोपों पर कड़ी सजा सुनाई थी।
इसके अतिरिक्त महिला पर करीब 5,88,822 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है, जो आरोपी को दिया जाएगा। राशि की गणना उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अकुशल श्रमिक के लिए निर्धारित मजदूरी के आधार पर की गई है।
इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि इस तरह की घटना सोसाइटी के लिए बहुत गंभीर स्थिति पैदा कर सकती है। कोर्ट ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए विशेष रूप से अधिनियमित प्रावधानों का कथित पीड़िता द्वारा अपने अवैध उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए पुलिस और अदालत को एक माध्यम के रूप में उपयोग करके पुरुष के खिलाफ व्यापक रूप से दुरुपयोग किया गया था।
UP Court Sentences Woman To 1653 Days In Jail For Making False Rape Allegations, Imposes Over ₹5.8 Lakh Fine#BareillyCourt#Bareilly#UPCourt#FalseRapeCasehttps://t.co/E99yVY9wpN
— Live Law (@LiveLawIndia) May 7, 2024
सितंबर, 2018 में पीड़िता की मां ने अजय कुमार के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी, इसमें मां ने कहा कि उनकी बेटी को 15 साल की उम्र में अपहरण किया गया और फिर उसके साथ रेप किया। कथित पीड़ित लड़की ने अपने मुख्य परीक्षण में एफआईआर में लगाए गए आरोपों का समर्थन किया। हालांकि, अपनी जिरह में वह अपने पहले के बयान से मुकर गई और कहा कि कथित आरोपी ने उसके साथ छेड़छाड़ या बलात्कार नहीं किया था और उसने अदालत के सामने शपथ लेकर झूठा बयान दिया था।
उसने स्पष्ट रूप से कहा कि उसने पुलिसकर्मियों के दबाव में सीआरपीसी की धारा 164 के तहत बयान दिया था और उसकी मां ने जानबूझकर बिना किसी कारण के आरोपी अजय राघव के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। इसके गलत प्रभाव कह लें या परिणा ये रहा कि महिला को सीआरपीसी,1973 की धारा 195 के तहत सजा सुनाई गयी, जिसमें उसे अब अगले 4 साल जेल में गुजारने होंगे।