Haryana bjp government: तीन निर्दलीय विधायक ने समर्थन वापस लिया, हरियाणा में सैनी सरकार अल्पमत में, सियासी संकट!

By सतीश कुमार सिंह | Published: May 7, 2024 06:38 PM2024-05-07T18:38:46+5:302024-05-08T06:22:51+5:30

Haryana bjp government: हरियाणा के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता नायब सिंह सैनी ने कहा कि कुछ (निर्दलीय) विधायकों ने हरियाणा सरकार से समर्थन वापस ले लिया है और कांग्रेस को समर्थन किया है।  

Haryana bjp government CM Nayab Singh Saini 3 independent MLAs withdrew support Saini government in minority political crisis | Haryana bjp government: तीन निर्दलीय विधायक ने समर्थन वापस लिया, हरियाणा में सैनी सरकार अल्पमत में, सियासी संकट!

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Highlightsकुछ विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है।निर्दलीय विधायकों ने भाजपा से अपना समर्थन वापस ले लिया है। हरियाणा में विधानसभा की 90 सीट और इस समय विधानसभा में 88 विधायक हैं।

Haryana bjp government: लोकसभा चुनाव के बीच हरियाणा में भाजपा सरकार अल्पमत आ गई है। तीन निर्दलीय विधायकों ने सैनी सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता नायब सिंह सैनी ने कहा कि कुछ (निर्दलीय) विधायकों ने हरियाणा सरकार से समर्थन वापस ले लिया है और कांग्रेस को समर्थन किया है। मुझे यह जानकारी मिली है। शायद कांग्रेस कुछ लोगों की इच्छाओं को पूरा करने में लगी हुई है। अब कांग्रेस को जनता की इच्छाओं से कोई लेना-देना नहीं है। हरियाणा में विधानसभा की 90 सीट और इस समय विधानसभा में 88 विधायक हैं।

भाजपा के पास 40 विधायक हैं। बहुमत के लिए 46 विधायक चाहिए। भाजपा के अभी 43 विधायक का समर्थन है। कांग्रेस के पास 30 विधायक हैं। 3 निर्दलीय विधायकों ने समर्थन किया है। जननायक पार्टी के पास 10 विधायक हैं और इनेलो के पास एक विधायक है।

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कहा कि लोगों को वर्तमान सरकार पर भरोसा नहीं है और यह देखते हुए कि इन लोगों ने अपना समर्थन वापस ले लिया है और कांग्रेस को समर्थन देने का फैसला किया है। सैनी सरकार को जल्द से जल्द इस्तीफा दे देना चाहिए।

कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि राज्य (हरियाणा) में हालात बीजेपी के खिलाफ हैं। बदलाव निश्चित है। बीजेपी सरकार बहुमत खो चुकी है। उन्होंने 48 विधायकों की जो सूची दी थी। कुछ विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है। लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं और कुछ निर्दलीय विधायकों ने भाजपा से अपना समर्थन वापस ले लिया है और कांग्रेस को अपना समर्थन दे दिया है।

रोहतक में हरियाणा के निर्दलीय विधायक रणधीर गोलन ने कहा कि हरियाणा सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। पिछले साढ़े चार साल से हमने बीजेपी को समर्थन दिया था। आज बेरोजगारी और महंगाई अपने चरम पर है। इसे देखते हुए हमने अपना समर्थन वापस ले लिया है।

निर्दलीय विधायक धर्मपाल गोंदेर ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि जिस समय उन्हें सरकार बनाने के लिए हमारे समर्थन की ज़रूरत थी, हमें बार-बार बुलाया गया। हमने तय किया था कि जब तक मनोहरलाल खट्टर सत्ता में रहेंगे, हम समर्थन करेंगे। दुख है कि वह अब सत्ता में नहीं हैं। किसानों के हित में हम सरकार से समर्थन वापस लेते हैं।

हरियाणा में तीन निर्दलीय विधायकों ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार से समर्थन वापस ले लिया और घोषणा की कि वे कांग्रेस का समर्थन करेंगे। इसके साथ ही नायब सिंह सैनी सरकार राज्य विधानसभा में अल्पमत में आ गई। हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा में सदस्यों की मौजूदा क्षमता 88 है। सरकार के पास बहुमत से दो विधायक कम हैं।

वर्तमान में भाजपा नीत सरकार को दो अन्य निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है। हालिया दिनों में, जननायक जनता पार्टी (जजपा) के कुछ विधायकों ने भाजपा को समर्थन देने का संकेत दिया है, हालांकि जजपा ने मार्च में गठबंधन सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। विधानसभा में भाजपा के 40, कांग्रेस के 30 और जजपा के 10 विधायक हैं।

निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान (दादरी), रणधीर सिंह गोलन (पुंडरी) और धर्मपाल गोंदर (नीलोखेड़ी) ने नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश कांग्रेस प्रमुख उदय भान की मौजूदगी में रोहतक में संवाददाता सम्मेलन में अपने फैसले की घोषणा की। हुड्डा ने कहा, ‘‘सरकार को इस्तीफा दे देना चाहिए। राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए और चुनाव कराया जाना चाहिए।

यह जनविरोधी सरकार है।’’ इस बीच, जजपा नेता दिग्विजय सिंह चौटाला ने कहा कि हुड्डा को ‘जनता का विश्वास खो चुकी सरकार को गिराने’ की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि हुड्डा को तुरंत राज्यपाल से मिलना चाहिए और उन्हें स्थिति से अवगत कराना चाहिए। चौटाला ने फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हुड्डा कहते हैं कि सरकार अल्पमत में है।

वह विपक्ष के नेता हैं और उन्हें तुरंत राज्यपाल से मिलना चाहिए और उन्हें घटनाक्रम से अवगत कराना चाहिए।’’ चौटाला ने जजपा के कांग्रेस को समर्थन देने के सवाल पर कहा, ‘‘मैं यह नहीं कह रहा हूं कि जजपा कांग्रेस को समर्थन देने और उसके साथ सरकार बनाने को तैयार है। कम से कम जो सरकार जनता का विश्वास खो चुकी है, उसे हटाने के लिए हुड्डा को प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए।’’

उन्होंने यह भी कहा कि राज्यपाल से मिलने के अलावा हुड्डा को जजपा के साथ संपर्क साधने की कोशिश भी करनी चाहिए। कांग्रेस ने एक बयान में कहा कि तीनों विधायकों ने पहले ही राज्यपाल को पत्र भेजकर कहा है कि उन्होंने सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। गोंदर ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम सरकार से समर्थन वापस ले रहे हैं। हम अब कांग्रेस के साथ हैं।

हमने किसानों से जुड़े मुद्दों, महंगाई और बेरोजगारी सहित विभिन्न मुद्दों पर यह निर्णय लिया है।’’ उदय भान ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘तीन निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस को अपना समर्थन दिया है। सरकार को पहले जजपा के 10 विधायकों और निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त था, लेकिन जजपा ने भी समर्थन वापस ले लिया और अब निर्दलीय भी साथ छोड़ रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली सरकार अब अल्पमत में है। मुख्यमंत्री सैनी को अपना इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि उन्हें एक मिनट भी पद पर रहने का अधिकार नहीं है।’’ हरियाणा में अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। हुड्डा ने समर्थन के लिए तीनों विधायकों का आभार जताया और कहा कि उन्होंने जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हरियाणा समेत देश भर में कांग्रेस के पक्ष में लहर है और जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए निर्दलीय विधायकों ने यह फैसला लिया है। उन्होंने दावा किया कि लोगों ने राज्य में कांग्रेस की सरकार बनाने का मन बना लिया है। गोलन ने कहा, ‘‘हमने ईमानदारी के साथ भाजपा सरकार को अपना समर्थन दिया था।

लेकिन आज बेरोजगारी चरम पर है, महंगाई और किसानों के मुद्दे भी हैं। समाज का हर वर्ग तंग आ चुका है। लोगों को परिवार पहचान पत्र और संपत्ति आईडी प्रणाली से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।’’ जब पूछा गया कि उन्होंने पहले इन मुद्दों पर क्यों नहीं बोला, तो गोलन ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान भी उन्होंने अपनी आवाज उठाई थी।

सांगवान ने कहा, ‘‘किसान आंदोलन के दौरान, हमने उनकी (भाजपा सरकार) गलत नीतियों का विरोध किया। मैंने स्कूलों में पर्याप्त कर्मचारी नहीं होने जैसे मुद्दे भी उठाए।’’ एक सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘हम राज्य की सभी 10 लोकसभा सीटें जीतने में मदद करने के लिए कांग्रेस का समर्थन करेंगे।’’ मनोहर लाल खट्टर की जगह सैनी ने नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।

सैनी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने 13 मार्च को सदन में ध्वनि मत से विश्वास मत जीत लिया था। करनाल से लोकसभा चुनाव लड़ रहे खट्टर ने करनाल से विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। हरियाणा के पूर्व मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने मार्च में विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। वह रानिया क्षेत्र से निर्दलीय विधायक थे और 24 मार्च को भाजपा में शामिल होने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया। भाजपा ने हिसार लोकसभा सीट से रणजीत सिंह चौटाला को उम्मीदवार बनाया है।

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