googleNewsNext

शरद पवार भला क्यों खफा हुए ठाकरे सरकार से

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: June 24, 2022 01:37 PM2022-06-24T13:37:47+5:302022-06-24T13:39:39+5:30

हम अक्सर कहावतों के तौर पर सुनते हैं, पैरों तले जमीन खिसकना। इस तरह की कहावते जब असल जिंदगी में सच हो जाती हैं तो भरोसा करना बड़ा मुश्किल हो जाता है। एनसीपी चीफ शरद पवार को भी भरोसा नहीं हो रहा है कि इतनी बड़ी स्टेट मशीनरी रहते हुए आखिरकार कैसे उद्धव सरकार की जमीन खिसक गई।

आखिर किस तरह से देखते ही देखते आखों के सामने लगभग 40 विधायक महाराष्ट्र छोड़कर बड़े ही आसानी से दूसरे राज्य में चले जाते हैं और वहां से सरकार गिराने का नारा बुलंद करते हैं। आखिर किस तरह से स्टेट की पूरी इंटेलिजेंस फेल हो जाता है। आखिर किस तरह की नींद में सोता रहा राज्य सरकार का गृह विभाग। ये बड़ा प्रश्न है और गंभीर भी। 

क्या इंटेलिजेंस डिपार्टमेंट को विधायकों के बगावत के बारे में कोई जानकारी नहीं थी या फिर कुछ किसी प्लॉन के तहत हुआ और क्या इतनी बड़ी बगावत पर राज्य का खुफिया विभाग अपना मुंह जानबूझ कर बंद किये रही।

इस मामले में चिंता व्यक्त करते हुए शरद पवार ने जब सवाल खड़े किये तो वो खुद निशाने पर आ गये क्योंकि महाराष्ट्र में चल रही महाविकास आघाड़ी सरकार में जो गृह मंत्रालय का पोर्टफोलियो है, वो शुरू से उनकी पार्टी के पास रहा है।

अघाड़ी सरकार में पहले एनसीपी नेता अनिल देशमुख गृहमंत्री हुा करते थे, जो आजकल ईडी के चक्कर में फंसे जेल की सलाखों में बंद हैं और उनके पद से हटने के बाद एनसीपी के ही वरिष्ठ नेता दिलीप वाल्से को गृहमंत्रालय की कमान मिली। 

और इसी गृह मंत्रालय के अंडर में इंटेलीजेंस डिपार्टमेंट आता है, जिसकी जिम्मेदारी बनती थी कि वो राज्य सराकर को ऐसे किसी भी खतरे की स्थिति के लिए सरकार को आगाह करे, लेकिन ये चूक हुई कहां, क्या गृहमंत्री दिलीप वाल्से को भी सूचना नहीं थी। इन्हीं सब बातों को लेकर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने गृह मंत्री दिलीप वाल्से और महाराष्ट्र एनसीपी प्रमुख जयंत पाटिल को खूब खरी खोटी सुनाई है।

कहा जा रहा है कि पवार ने वाल्से और पाटिल से नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि आर्श्चय जताया है कि इतनी बड़ी संख्या में विधायक और मंत्री राज्य से बाहर जा रहे थे और इंटेलीजेंस डिपार्टमेंट ने सरकार को खबर तक नहीं दी।

यहां एक बात और बेहद दिलचस्प है कि राज्य सरकार अपने सभी चुने हुए विधायकों या एमएलसी को राज्य पुलिस की सुरक्षा देती है। इन माननीयों की सुरक्षा में कम से कम एक या दो पुलिस के सुरक्षा जवान हथियारों के साथ हर समय तैनात रहते हैं, इनकी सुरक्षा के लिए और ये विधायक जब भी प्रदेश के बाहर जाते हैं तो उसके साथ रहने वाले राज्य स्पेशल प्रोटक्शन यूनिट के जवान अपने सीनियर पुलिस अधिकारियों को इस बात की सूचना देते हैं।

लेकिन अजीब सा खेल महाराष्ट्र में हुआ, यहां तो एक-दो नहीं बल्कि लगभग 40 से अधिक विधायक अलग-अलग तरीके से राज्य छोड़कर चले गये और स्टेट इंटेलिजेंस इस बात से बेखबर रहा, तो क्या मान ली जाए तो किस इस खेल के लिए स्टेट मशीनरी को भी फेल कर दिया गया, उसे खत्म कर दिया गया।

जबकि स्टेट इंटेलिजेंस लगभग रोजाना मुख्यमंत्री और गृहमंत्री को राज्य के हालात और रोजाना होने वाले महत्वपूर्ण घटनाक्रमों के बारे में ब्रीफ करती है ऐसे में बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और गृहमंत्री दिलीप वाल्से को इस बात की जानकारी नहीं थी कि उनकी सत्ता भरभरा कर गिरने वाली है और उसके लिए विधायक सूबे के पार किसी और राज्य में जाकर खाद-पानी ले रहे हैं।

टॅग्स :शरद पवारउद्धव ठाकरे सरकारउद्धव ठाकरेअनिल देशमुखSharad PawarUddhav Thackeray GovernmentUddhav ThackerayNCPAnil Deshmukh