महाराष्ट्र में सत्ता संग्राम पूरे उफान पर, ठाकरे सरकार ने बागी विधायकों के परिजनों की सुरक्षा ली वापस
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: June 25, 2022 04:20 PM2022-06-25T16:20:21+5:302022-06-25T16:21:57+5:30
महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की शिवसेना सरकार एकनाथ शिंदे समेत बागी विधायकों के खिलाफ आरपार की लड़ाई का ऐलान करते हुए अब एक्शन के मूड में आ रही है।
ठाकरे सरकार ने सबसे पहले गुवाहाटी में बैठे 38 बागी विधायकों के परिजनों को दी गई पुलिस सुरक्षा वापस ले ली है। सरकार के इस कदम का विरोध करते हुए बागियों के नेता एकनाथ शिंदे ने इसे उद्धव सरकार के द्वारा बदले की कार्रवाई बताया है।
एकनाथ शिंदे ने कहा कि हमारे परिवार से सुरक्षा लेकर उद्धव ठाकरे हमें ब्लैकमेल करना चाहते हैं लेकिन बागी नेता इस तरह की साजिश से डरने वाले नहीं है।
शिंदे ने कहा कि सरकार का यह फैसला बेहद गलत और गैर-जिम्मेदाराना है, इसे तत्काल वापस लिया जाना चाहिए और विधायकों के परिवार की सुरक्षा फिर से बहाल करनी चाहिए।
शिदें के हमलावर तेवरों का जवाब देने के लिए शिवसेना सांसद संजय राउत सामने आये। राउत ने कहा कि राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वो अपने चुने हुए विधायकों की सुरक्षा के लिए राज्य के पुलिसकर्मियों को तैनात करे न कि उनके परिवारवालों की सुरक्षा राज्य सरकार की जवाबदेही में आती है। हम सभी विधायकों को सुरक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं लेकिन सरकार सभी विधायकों को परिजनों को सुरक्षा नहीं दे सकती है।
शिवसेनी विधायकों की बगावत से इस समय महाराष्ट्र की सियासत में भारी भूचाल आया हुआ है। हालांकि अब उद्धव ठाकरे शिवसेना की बगावत को दबाने के लिए सड़क से सदन तक की रणनीति बनाने में जुट गये हैं।
एनसीपी प्रमुख शरद पवार द्वारा राज्य पुलिस के इटेलिंजेस पर गंभीर सवाल खड़े किये जाने के बाद उद्धव सरकार गुवाहाटी में मौजूद एकनाथ शिंदे समेत सभी बागी विधायकों को दिये गये पर्सनल सिक्युरिटी ऑफिसर और पुलिस बल के खिलाफ कड़ा एक्शन लेने जा रही है। वैसे एनसीपी प्रमुख पवार इस मामले में पहले ही गृह मंत्री दिलीप वाल्से की जमकर क्लास लगा चुके हैं।
ठाकरे सरकार अब इस बात का पता लगाने में जुटी हुई है कि आखिर शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे किस जुगत से इतने विधायकों को लेकर महाराष्ट्र की जद से निकलकर गुजरात के सूरत पहुंच गये। सूरत में एक दिन बिताने के बाद शिंदे सभी बागियों को लेकर गुवाहाटी चले गए थे और अब भी वहीं पर डटे हैं।
इतने बड़े पैमाने पर विधायकों के पलायन की भनक आखिर महाराष्ट्र प्रशासन को क्यों नहीं हुई। सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए तय किया है कि शिंदे समेत बगावत करने वाले करीब 40 विधायकों की सुरक्षा में लगे महाराष्ट्र पुलिस के कमांडो के खिलाफ कार्रवाई करेगी।
सरकार जानना चाहती है कि क्या बागी विधायकों के मुंबई से बाहर निकलने की जानकारी गृह विभाग के अधिकारियों को नहीं थी या फिर खुफिया विभाग ने जानकारी होते हुए इस बात की सूचना मुख्यमंत्री ठाकरे और गृहमंत्री वाल्से को नहीं दी।