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Lalu Prasad Yadav को राहत नहीं, Jharkhand High Court से RJD सुप्रीमो को झटका

By गुणातीत ओझा | Published: December 12, 2020 07:58 AM2020-12-12T07:58:07+5:302020-12-12T08:00:46+5:30

आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को एक बार फिर जमानत नहीं मिल पाई है। हाई कोर्ट ने लालू की याचिका पर डेढ़ महीने तक के लिए सुनवाई टाल दी है।

Highlightsआरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को एक बार फिर जमानत नहीं मिल पाई है।हाई कोर्ट ने लालू की याचिका पर डेढ़ महीने तक के लिए सुनवाई टाल दी है।

जेल में बीतेगा 'लालू' का Happy New Year! 

नया साल (Happy New Year) आने वाला है लेकिन इस नए साल की शुरुआत में राजद (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के लिए कुछ भी नया नहीं होने वाला है। लालू जेल से बाहर आना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) ने जमानत के लिए याचिका डाली थी। लेकिन आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को एक बार फिर जमानत नहीं मिल पाई है। हाई कोर्ट ने लालू की याचिका (Lalu Bail Petition) पर डेढ़ महीने तक के लिए सुनवाई टाल दी है। जमानत याचिका खारिज होने के साथ ही आने वाले नए साल की शुरुआत लालू प्रसाद यादव को जेल से ही करनी पड़ेगी। लालू के वकील ने सप्‍लीमेंट्री एफिडेविट दाखिल करने के लिए अतिरिक्‍त समय की मांग की थी। बता दें कि चारा घोटाले (Chara Ghotala) के दुमका कोषागार (Dumka Koshagar) से गबन के मामले में लालू की जमानत याचिका पर आज झारखंड उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई। जमानत के लिए लालू की याचिका पर जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की पीठ ने सुनवाई की।

अब बात करते हैं लालू प्रसाद यादव से जुड़े इस मामले की... इससे पहले चारा घोटाले के चार विभिन्न मामलों में सजायाफ्ता आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई से पहले केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने झारखंड हाईकोर्ट में गुरुवार को एक पूरक शपथपत्र दाखिल किया। सीबीआई ने शपथपत्र में कहा है कि लालू ने लगातार जेल नियमावली का उल्लंघन किया है और उनकी तबीयत भी अब स्थिर है।  न्यायिक हिरासत से लालू यादव द्वारा बिहार के एक भाजपा विधायक को कथित तौर पर किये गये फोन के मामले में उनके खिलाफ पटना में प्राथमिकी भी दर्ज की गयी थी। इसलिए, उन्हें राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स), रांची से बिरसा मुंडा जेल भेज देना चाहिए।

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी कहा जा रहा है कि लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका की सुनवाई को इसलिए टाला गया, क्योंकि लालू प्रसाद यादव की सजा का आधा वक्फा खत्म नहीं हुआ है ( वक्फा अर्थ है दो घटनाओं के बीच में पड़ने वाला थोड़ा समय), और जल्दी रिहाई के लिए यह जरूरी शर्त है। इस वक्फे के पूरा होने में 40 दिन शेष हैं। इससे पहले यह सुनवाई इसलिए टली थी, क्योंकि CBI ने झारखंड हाईकोर्ट में अपना पक्ष दाखिल नहीं किया था। भ्रष्टाचार के मामले में चार साल की कैद की सजा काट रहे लालू प्रसाद यादव को कई अन्य मामलों में जमानत मिल चुकी है। यह लालू प्रसाद यादव के खिलाफ आखिरी मामला है, और इस बार उन्हें इसमें भी जमानत पर रिहा हो जाने की उम्मीद है। पिछले माह हुई सुनवाई में उनके वकील कपिल सिब्बल ने CBI पर 'जानबूझकर जमानत अर्जी में देरी किए जाने' का आरोप लगाया था।

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