ठळक मुद्देमध्यप्रदेश में राजगढ़ के कलेक्टर नीजर कुमार सिंह ने खुद पर जुर्माना लगाया है।लेटलतीफी व डेड लाइन पर काम खत्म न किए जाने पर DM ने अधिकारियों समेत खुद पर भी जुर्माना लगाया।
अकसर देखा गया है कुछ गलत हो जाने पर हम अपनी गलतियों पर पर्दा डालने लगते हैं। एक तरह से इसे ह्यूमन नेचर (Human Nature) भी कहा जा सकता है। लेकिन अपनी गलतियों से सीख लेकर इसे सुधारने वाला ही आगे बढ़ता है। ऐसा ही कुछ मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के राजगढ़ (Rajgarh) में देखने को मिला है। राजगढ़ में कलेक्टर नीजर कुमार सिंह (IAS Neeraj Kumar Singh) ने खुद पर जुर्माना लगाया है। विभागों द्वारा काम में लेटलतीफी.. डेड लाइन पर काम खत्म न करने के लिए उन्होंने तमाम अधिकारियों समेत खुद पर भी जुर्माना लगाया है। सोशल मीडिया (Social Media) पर उनके इस कदम की खूब तारीफ की जा रही है। आइये आपको बताते हैं नीरज कुमार सिंह के इस सराहनीय कदम के बारे में... IAS ने खुद पर लगाया जुर्मानाइये अब IAS नीरज कुमार की इस कार्रवाई को लेकर आगे बढ़ते हैं.. राजगढ़ के कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने लंबित प्रकरण मामले में खुद पर जुर्माना लगाया है। अपने आप पर जुर्माना लगाने वाले कलेक्टर के रूप में संभवतः यह प्रदेश का पहला और अजीबोगरीब मामला है। सोमवार 1 दिसंबर को नीरज कुमार सिंह सीएम हेल्पलाइन, मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास आदि कई विभागों की समीक्षा कर रहे थे, जिनमें लंबित प्रकरणों की एक लंबी फेहरिस्त उन्हें देखने को मिली। जिस पर कार्यवाही करते हुए उन्होंने अपने साथ-साथ विभाग से संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी जुर्माना लगाया।यह जुर्माना उन विभागों के कर्मचारी और अधिकारियों पर लगाया गया, जिन विभागों में शिकायतों का निपटारा नहीं किया जा रहा था। ऐसी लगभग 1140 शिकायतें लंबित होने पर जुर्माने के रूप में 1लाख से भी अधिक जुर्माना लगाया गया। कलेक्टर ने प्रत्येक शिकायत पर दंड स्वरूप 100 रुपये जुर्माना लगाया। नीरज कुमार सिंह ने सभी कर्मचारी और अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि 1 हफ्ते के भीतर जल्द से जल्द इन सभी लंबित शिकायतों का निपटारा कर दिया जाना चाहिए।नीरज कुमार सिंह ने बताया कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि सभी विभागों की समीक्षा उनको ही करनी होती है और लंबित प्रकरणों का निराकरण समय पर न होने पर अंत में उनका ही बनता है तो सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ उनपर भी जुर्माना लगाना जरूरी था।40 कि.मी. साइकिल चलाकर पहुंचे थे अस्पतालIAS नीरज सिंह कार्य के प्रति अपनी निष्ठा पहले भी साबित कर सुर्खियों में आए थे। यह बात है साल 2019 के मई महीने की। तब नीरज कुमार सिंह मध्यप्रदेश के दमोह के जिलाधिकारी पद पर तैनात थे। नीरज कुमार सिंह उस दिन सुबह सात बजे लगभग 40 किलोमीटर साइकिल चलाते हुए हटा के सिविल अस्पताल पहुंच गए। अचानक पहुंचे जिलाधिकारी ने अस्पताल में मिली अनियमितताओं पर अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई थी और व्यवस्था को सुधारने का निर्देश दिया था। युवा जिलाधिकारी नीरज कई बार औचक निरीक्षण करके सभी को हैरान कर देते हैं। वह किसी को कुछ बताए बिना अपनी साइकिल से निकल जाते हैं। जिससे कि अधिकारी सकते में आ जाते हैं। इससे पहले वह दमोह से पथरिया 28 किलोमीटर और 50 किलोमीटर की दूरी साइकिल से तय कर चुके हैं। यहां तक कि शहर में भी वह साइकिल से निरीक्षण करने के लिए पहुंचे जाते हैं।