महाराष्ट्र से पैदल चले आ रहे बालकृष्ण हैंडलूम कामगार हैं. कहते हैं कि भिवंडी से पैदल आ रहा हूं, मुझे जौनपुर जाना है. हम लोगों को चलते चलते हुए आज 8-9 दिन हो गए हैं. जब तक पैसा था तब तक खाना खाया, जब मरने वाले हालात हो गये तो पैदल चल दिए. कहते हैं कि रास्ते में बच्चे को देखकर लोग थोड़ा बहुत कुछ खाने को देते थे.