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बच्चे को जेनेटिक होती है खून से जुड़ी ये बीमारी, ऐसे करें देखभाल

By उस्मान | Updated: April 18, 2018 15:26 IST2018-04-18T15:26:37+5:302018-04-18T15:26:37+5:30

खून में मुख्य 12 तरह के क्लोटिंग फैक्टर होते हैं। इन क्लोटिंग फैक्टर का काम, बह�..

खून में मुख्य 12 तरह के क्लोटिंग फैक्टर होते हैं। इन क्लोटिंग फैक्टर का काम, बहते हुए खून को जमाना होता है। हीमोफिलिया होने पर शरीर में खून का थक्का बनाने वाले इस प्रोटीन की कमी होने की वजह से खून के थक्के बनने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है, जिसके कारण, चोट लगने पर खून जम नहीं पाता और वह असामान्य रूप से बहता रहता है। इस बीमारी पर तब तक लोगों का ध्यान नहीं जाता, जब तक कि उन्हें किसी कारण से गंभीर चोट न लगे और उनमें रक्त का बहना न रुकें। यह एक जेनेटिक बीमारी होती है। हीमोफीलिया बीमारी दो तरह की होती है- हीमोफीलिया ए और हीमोफीलिया बी। 

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