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Bharat Bandh से हुए नुकसान की भरपाई कभी नहीं हो पाती, होता है हजारों करोड़ का नुकसान

By गुणातीत ओझा | Published: December 8, 2020 09:34 PM2020-12-08T21:34:26+5:302020-12-08T21:37:31+5:30

कृषि कानूनों के खिलाफ भारत बंद का असर पूरे देश में देखने को मिला है। यहां यह जान लेना बहुत जरूरी है कि किसी भी तरह का देशव्यापी बंद अर्थव्यवस्था को बहुत पीछे ले जाता है।

Highlightsकृषि कानूनों के खिलाफ भारत बंद का असर पूरे देश में देखने को मिला है।किसी भी तरह का देशव्यापी बंद अर्थव्यवस्था को बहुत पीछे ले जाता है।

भारत बंद से होता है कितना नुकसान!

कृषि कानूनों (Farmers Law) के खिलाफ भारत बंद (Bharat Bandh) का असर पूरे देश में देखने को मिला है। यहां यह जान लेना बहुत जरूरी है कि किसी भी तरह का देशव्यापी बंद अर्थव्यवस्था (Economy) को बहुत पीछे ले जाता है। भारत बंद का आह्वान चाहे राजनीतिक दल करे या किसान या मजदूर, इसका अर्थव्यवस्था (Impact on Economy) पर बहुत बुरा असर पड़ता है। उद्योग संगठन कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज (CII) के अनुमान की मानें तो एक दिन के भारत बंद से ही अर्थव्यवस्था को 25 से 30 हजार करोड़ रुपये का झटका लगता है। सीआईआई (CII) का कहना है कि भारत बंद खत्म होने के बाद सेवाएं तो सुचारू हो जाती हैं, लेकिन बंद के दौरान जो नुकसान होता है, उसकी भरपाई कभी नहीं हो पाती है। इसे इस तरह से समझा जा सकता है कि अगर कोई होटल या रेस्टोरेंट एक दिन के लिए बंद रहा तो उसके उस दिन हुए नुकसान की भरपाई अगले दिन नहीं हो सकती। बंद के दिन की कमाई तो चली ही गई।

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क्या है भारत बंद

आइये अब आपको बताते हैं भारत बंद के बारे में.. कुछ दक्षिण एशियाई देशों जैसे भारत और नेपाल में सरकारी नीतियों के खिलाफ एकजुट होकर असंतोष जताने का तरीके को देशव्यापी बंद कहा जाता है। इस देशव्यापी बंद के दौरान अधिकतर नागरिक सेवाएं बंद रहती हैं या अस्त व्यस्त हो जाती हैं। भारत में नागरिकों को शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखने के लिए बंद का अधिकार है। संविधान की धारा 19 के तहत राइट टू प्रोटेस्ट (Right to Protest) का अधिकार मिला हुआ है। इसे इंडस्ट्रियल डिस्प्यूट एक्ट 1947 का भी सहारा मिलता है।

चिदंबरम ने कहा था विरोध ऐसा जिससे आर्थिक नुकसान नहीं हो

साल 2012 में कांग्रेस ने एफडीआई (FDI) सुधार किया था। इसके विरोध में भाजपा ने भारत बंद का आह्वान किया था। उस वक्त कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों ने भारत बंद को लेकर अर्थव्यवस्था को नुकसान का हवाला दिया था। तत्कालीन वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने भाजपा के भारत बंद पर कहा था कि इस आंदोलन से देश की अर्थव्यस्था को सिर्फ अधिक नुकसान ही होगा। उनका कहना था कि उस तरीके से विरोध नहीं करना चाहिए जिससे आर्थिक नुकसान हो।

अब भाजपा कर रही भारत बंद का विरोध

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के भारत बंद को विपक्ष के समर्थन को भाजपा (Bharatiya Janta Party) अब गलत बता रही है। भाजपा (BJP) के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravishankar Prasad) ने कहा है कि अपना अस्तित्व बचाने के लिये भाजपा के विरोधी दल किसानों के प्रदर्शन में कूद पड़े हैं जबकि विभिन्न चुनावों में देश की जनता उन्हें बार-बार खारिज कर चुकी है।

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