लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल का साथ छोड़ कुछ प्रमुख नेताओं ने भाजपा का हाथ थाम लिया है। इन नेताओं में समाजवादी पार्टी की महिला नेत्री सुषमा पटेल और शालिनी यादव के साथ साहब सिंह सैनी, जगदीश सोनकर और आएलडी के राजपाल सैनी शामिल हैं।
सपा का साथ छोड़ भाजपा के साथ जाने वाली दो महिला नेत्रियों सुषमा पटेल और शालिनी यादव अब पुरानी पार्टी पर गंभीर आरोप भी लगाए हैं। भाजपा में जाते ही सुषमा पटेल ने सपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि वहां महिलाओं का सम्मान नहीं किया जाता। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी एक अनुशासनहीन पार्टी है। सुषमा पटेल ने आरोप लगाया कि सपा के अंदर महिलाओं, पिछड़े वर्गों और दलितों के लिए कोई सम्मान नहीं है।
वहीं सपा छोड़ भाजपा में शामिल हुईं शालिनी यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी में मेहनती कार्यकर्ताओं की बात नहीं सुनी जा रही थी। पूर्व सपा नेता शालिनी यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा में पार्टी की हार का सबसे बड़ा कारण कार्यकर्ताओं की बात न सुनना ही था। शालिनी यादव ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर वाराणसी से पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव भी लड़ा था।
बता दें कि हाल के दिनों में कई बड़े नेता भाजपा में शामिल हुए हैं या एनडीए के साथ आए हैं। दारा सिंह चौहान जहां सपा का साथ छोड़ भाजपा में शामिल हो गए हैं वहीं ओम प्रकाश राजभर की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी अब एनडीए गठबंधन का हिस्सा है। लोक सभा चुनाव 2024 को लेकर भाजपा हर उस नेता और दल को अपने साथ लेकर चलना चाहती है जो साथ न रहने पर पार्टी को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
दूसरी तरफ विपक्ष ने इंडिया गठबंधन बनाया है जिसमें सपा के साथ कांग्रेस भी शामिल है। हालांकि उत्तर प्रदेश की राजनीति की एक बड़ी खिलाड़ी मायावती ने लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने की घोषणा की है। भाजपा के लिए जहां ये राहत की बात है वहीं विपक्षी गठबंधन की मुश्किलें उत्तर प्रदेश जैसे महत्वपूर्ण राज्य में बसपा सुप्रीमो के फैसले के बाद बढ़ सकती हैं।