GHOSI ASSEMBLY BY ELECTIONS 2023: घोसी सीट पर सपा-भाजपा में होगी सीधी जंग, बसपा और कांग्रेस चुनाव से बाहर!, जानें समीकरण
By राजेंद्र कुमार | Published: August 10, 2023 05:54 PM2023-08-10T17:54:36+5:302023-08-10T17:58:25+5:30
GHOSI ASSEMBLY BY ELECTIONS 2023: घोसी सीट पर हो रहा उप चुनाव उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और प्रदेश के प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) दोनों के लिए बेहद ही अहम है.
GHOSI ASSEMBLY BY ELECTIONS 2023: पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान के इस्तीफे से रिक्त हुई घोसी विधानसभा सीट पर अगले माह पांच सितंबर को मतदान होगा. घोसी सीट पर हो रहा उप चुनाव उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और प्रदेश के प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) दोनों के लिए बेहद ही अहम है.
बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस इस सीट पर अपना प्रत्याशी खड़ा नहीं करेगी. ऐसे में इस सीट पर भाजपा और सपा के प्रत्याशी के बीच ही सीधी चुनावी जंग होगी. सपा के मुखिया अखिलेश यादव ने गुरुवार को सदन में इस सीट पर मजबूती से चुनाव लड़कर जीतने के एलान भी कर दिया है.
अब जल्दी ही अखिलेश यादव घोसी सीट से चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी के नाम का खुलासा करेंगे. वही दूसरी तरफ यह कहा जा रहा है कि भाजपा दारा सिंह चौहान पर दांव ही लगाएगी. बीते विधानसभा चुनाव में भाजपा ने विजय राजभर को इस सीट से चुनाव मैदान में उतारा था. दारा सिंह चौहान तब योगी सरकार में मंत्री थे और उन्होने भाजपा से नाता तोड़कर सपा ज्वाइन कर ली थी.
सपा ने उन्हे घोसी सीट से चुनाव लड़ाया था और दारा सिंह चौहान ने विजय राजभर को बीस हजार से अधिक वोटों से हरा दिया था. अब दारा सिंह चौहान को सपा से तोड़कर फिर भाजपा में ले आया गया है, ऐसे में अब इस सीट पर भाजपा की भी प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. इसलिए अब कहा जा रहा है कि उपचुनाव में सपा और भाजपा के बीच सीधी चुनावी जंग होगी.
अपने -अपने दावे:
करीब चार लाख तीस हजार मतदाताओं वाली घोसी सीट दलित और मुस्लिम समाज के मतदाताओं की संख्या अधिक है. इसके अलावा 55 हजार राजभर और 45 हजार चौहान समाज के मतदाता इस सीट पर हैं. इस जातीय समीकरण के आधार पर सपा का पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) दांव यहां मजबूत माना जा रहा है.
जबकि दारा सिंह चौहान की इस सीट पर अपनी लोनिया चौहान बिरादरी पर मजजूत पकड़ होने तथा ओम प्रकाश राजभर के एनडीए के साथ आने की वजह से भाजपा भी घोसी सीट पर अपने को मज़बूत बता रही है. इस सीट के जातीय समीकरण को लेकर ही सपा और भाजपा नेता अभी से अपनी अपनी जीत के दावे करने लगे हैं. जबकि अभी तक इस सीट पर चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी के नाम का ऐलान भी नहीं किया गया है.