World Environment Day: कूड़े-कचरे से बने हैं ये खूबसूरत टूरिस्ट स्पॉट
By मेघना वर्मा | Published: June 5, 2018 03:23 PM2018-06-05T15:23:13+5:302018-06-05T15:23:13+5:30
कोच्ची एयरपोर्ट से 16 किमी दूर अलुवा, एक छोटा सा शहर है। यही वो शहर है जहां का रेलवे स्टेशन आपको कचरे का दुबारा से प्रयोग करने का एक बेहतरीन दृश्य दिखाता है।
आज विश्न पर्यावरण दिवस पर देश और दुनिया में पर्यावरण को बचाने और उसे सजाने-संवारने पर चर्चा की जा रही है। इस बार इसकी थीम प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण को खत्म करना है। चूंकी इस बार भारत इसकी मेजबानी कर रहा है तो देश में फैलने वाले कचड़े पर रोक लगाने और उन्हें ज्यादा से ज्यादा री-यूज करने पर जोर दिया जा रहा है। प्लासटिक की बोतल, थर्माकोल, प्लास्टिक बैग आदि से फैलने वाले कूड़े ना सिर्फ हमारे देश और पर्यावरण को गंदा कर रहे हैं बल्कि ये हमारे स्वास्थय के लिए भी सही नहीं हैं। शायद इसी चीज को ध्यान में रखते हुए देश के कुछ हिस्सों में इसी कचरों का इस्तेमाल करके बेहतरीन कलाकारी दिखाई गई है। रिकॉर्डस में शामिल इन जगहों पर इतनी सुन्दरता के साथ कचरे का इस्तेमाल किया गया है कि लोग देश-विदेश से यहां घूमने आते हैं। आज हम आपको देश के ऐसे ही कुछ चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे देख कर आप कर उठेगें सच में कचरा है बड़े काम का!
1. कचरे से सजाया है पूरा रेलवे स्टेशन
कोच्ची एयरपोर्ट से 16 किमी दूर अलुवा, एक छोटा सा शहर है। यही वो शहर है जहां का रेलवे स्टेशन आपको कचरे का दुबारा से प्रयोग करने का एक बेहतरीन दृश्य दिखाता है। परिसर में प्रवेश करते ही आपकी नजर रेलवे पटरियों के बीच बने बेरिकेड पर प्लास्टिक की बोतले लटकी नजर आएगी जिनमें रंग-बिरंगे फूल खिले नजर आएंगे। ये प्लास्टिक की उन्हीं बोतलों का प्रयोग करके बनाया गया है जिन्हें कचरे के ढेर में फेंका जाता रहा है। इस छोटे से प्रयोग ने न सिर्फ रेलवे स्टेशन की खूबसूरती को चार चांद लगाया बल्कि कई अन्य समस्याओं का भी समाधान कर दिया।
लोगों की जान की होती है रक्षा
रेलवे ट्रैक के बीच इन प्लास्टिक के गमलों के लग जाने से लोगों द्वारा एक प्लेटफॉर्म से दूसरे प्लेटफॉर्म पर जाने के लिए पटरियों के प्रयोग पर लगाम लगा है। अक्सर एक प्लेटफॉर्म से दूसरे तक जाने के लिए लोग रेलवे ट्रैक का इस्तेमाल किया करते थे जिससे उनकी जान का खतरा भी होता है लेकिन इसकी वजह से लोग अब फुटओवर ब्रिज का प्रयोग करने लगे हैं क्योंकि अब ट्रैक के बीच इतनी जगह ही नहीं बची है कि इससे लोग निकल पाएं।
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2. लखनऊ में कचरे से बना है सबसे बड़ा सेल्फी पॉइंट
नवाबों के शहर लखनऊ में कचरे से बनी एक और करसतानी देखने को मिली है। यहां के एक फेमस होटल के हाउस कीपर ने लखनऊ वालों के लिए कचरे से रंग-बिरंगा और सबसे बड़ा सेल्फी प्वांइट बनाया है। पुराने कचरे से बने इस सेल्फी प्वांइट को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्डस में भी शामिल किया गया है। इसे बनाने के लिए पुरानी प्लास्टिक की बोतल, टूटे पड़े कूलर, पुराने अखबार और कोल्ड ड्रिंक्स की बोतल का उपयोग किया गया है।
स्वच्छ भारत का देना चाहते हैं संदेश
लखनऊ के ही रहने वाले अभय सक्सेना नें कचरे से ये कारनामा कर दिखाया है। 11 फिट ऊंचे और 23 फिट चौड़े बने इस स्टैंड को देखने और यहां सेल्फी लेने लोग दूर-दूर से आते हैं। इसे बनाने का सबसे बड़ा उद्देश्य यही था कि अभय लोगों को स्वच्छ भारत का संदेश देना चाहते थे। 15 दिन में इकट्ठे किए गए कूड़े के साथ 17 लोगों की टीम ने मिलकर इस स्टैंड को बनाया है। बीबीडी गार्डन के ग्राउंड में बने इस स्टैंड को मई 2018 में इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में शामिल किया गया था।
3. रॉकिंग है रॉक गार्डन
अमूमन हमारे घरों से आए दिन कचरा निकलता है जिसे हम कचरे के ढेर में फेंक देते हैं लेकिन देश में ऐसा गार्डन भी है जहां कूड़े से खूबसूरत कलाकृतियां बनाई गयी हैं। बात चंडीगढ़ जाने की हो और रॉक गार्डन न घूमा जाए ये तो हो ही नहीं सकता। रॉक गार्डन चंडीगढ़ के सेक्टर एक में सुखना झील और कैपिटल काम्प्लेक्स के बीच में स्थित है, ये गार्डन चंडीगढ़ शहर का एक प्रमुख और चर्चित पर्यटक स्थल है जिसे नेकचंद रॉक गार्डन के नाम से भी जाना जाता है। हर साल देश विदेश से हजारो पर्यटक इस गार्डन को देखने आते हैं। यहां बनी हर चीज कूड़े के उपयोग से बनाई गयी है।
बने हैं 14 अलग-अलग चेम्बर
इस गार्डन में नेकचंद ने घरेलू, शहरी और औद्योगिक कचरे से कई मूर्तियां और कलाकृतियां बनाई हैं। नेकचंद एक कर्मचारी थे जो दिन भर साइकिल पर बेकार पड़ी ट्यूब लाइट्स, टूटी हुई चूड़ियां, चीनी मिट्टी के बर्तन, तार, ऑटो पार्ट्स, चीनी के कप, फ्लश की सीट, बोतल के ढक्कन और बेकार फेकी हुई चीजों से बनाया गया है। रॉक गार्डन में वाटरफॉल, पूल और घूमावदार रास्ते सहित 14 लुभावने चैंबर हैं, जो नवीनता और कल्पनाशीलता को दर्शाते हैं। इस गार्डन में कई मूर्तियां हैं, जो घर के बेकार समानों जैसे टूटी हुई चूड़ी, चीनी मिट्टी के बर्तन, तार, ऑटो पार्ट्स और ट्यूब लाइट से बनी हैं।