अंतर्राष्ट्रीय समिति यूनेस्को ने अपनी वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट यानी विश्व धरोहर सूची में राजस्थान के जयपुर शहर को शामिल किया है। जयपुर को राजस्थान की 'पिंक सिटी' कहा जाता है। इस शहर के इस सूचि में शामिल होने के बाद अब राजस्थान की कुल 37 जगहें इस लिस्ट में अपनी जगह बना चुकी हैं। राजस्थान का चित्तौड़गढ़ किला, कुम्भलगढ़, जैसलमेर, रणथंभोर, गागरोन इत्यादि जैसी कुल 37 जगहों ने उऊनेसको की लिस्ट में जगह बनाई है।
पीएम मोदी ने दी बधाई
जयपुर को यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में जगह मिलने पर खुशी जताते हुए प्रधानमत्री मोदी ने शहर के वासियों को बधाई दी है। उन्होंने बधाई देते हुए ट्वीट किया जिसमें उन्होंने जयपुर के लोगों को उनकी मेहमाननवाजी के अंदाज के लिए शुक्रिया अदा किया जिसकी बदौलत ही यूनेस्नेको ने इस शहर को अपनी वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में शामिल किया है।
पिंक सिटी जयपुर की 10 खास बातें
यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल होने के लिए पिछले साल अगस्त में सरकार की ओर से यूनेस्को को प्रस्ताव भेजा गया था जिसके बाद अब उसे कबूलते हुए शहर को लिस्ट में जगह मिली है। आशा है कि इसके बाद जयपुर में टूरिज्म और भी बढ़ जाएगा। आइए इस शहर की 10 अनोखी और खास बातें जानते हैं:
1) जयपुर को उसकी सुंदर राजा महाराजाओं की हवेलियों के लिए जाना जाता है। इन हवेली की दीवारों पर हुई कलाकृति पर्यटकों को मोहित करती है
2) जयपुर देश और दुनिया में अपने विशाल, भव्य किलों के लिए भी मशहूर है। इन किलों में राजपुताना इतिहास से जुड़ी चीजें भी मौजूद हैं
3) जयपुर में राजपूत इतिहास और संस्कृति को बढ़ावा देने और उसे प्रयात्कों के समझ दर्शाने के लिए कई अजायबघर बनाए गए हैं। पर्यटक इन्हें अपनी ट्रिप में जरूर शामिल करते हैं
4) शॉपिंग के लिहाज से भी जयपुर एक बेहतरीन शहर है। त्रिपोलिया, बापू और नेहरु बाजार यहां के समय प्रसिद्ध बाजारों में से एक है
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5) जयपुर का कपड़ा बाजार भी मशहूर है। यहां रंग बिरंगे कपड़े मिलते हैं। विदेशी लोग इन्हें याद के तौर पर ले जाते हैं
6) जयपुर की चोकी ढाणी पूरे साज्स्थान में सबसे अधिक प्रसिद्ध है। यहां राजस्थान की संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। नृत्य से लेकर खाने के स्वाद में राजस्थान बसा है
7) अगर अगस्त के महीने में कभी जयपुर जाने का मौक़ा मिले तो यह समय यहां के तीज महोत्सव का होता है। इस महोत्सव से राजस्थान की संस्कृति और कला को करीब से देखने का अवसर प्राप्त होता है
8) जयपुर के जंतर मंतर के आगे दिल्ली का जंतर मंतर कुछ बहे नहीं है। यह महाराजा जय सिंह द्वितीय द्वारा बनवाया गया था। इसका निर्माण ज्योतिष विधा को ध्यान में रखते हुए किया गया था
9) जयपुर में बने किले, हवेलियां, ऐतिहासिक स्मारक सभी का निर्माण वास्तु शास्त्र को ध्यान में रखते हुए किया गया है
10) जयपुर में प्रवेश करने के लिए अलग अलग दिशाओं में विशाल और भव्य दरवाजे बनाए गए हैं। ये एतिहासिक निर्माण है जिनपर उस जमाने की कारीगरी साफ देखी जा सकती है