अफगानिस्तान का आतंकवादी संगठन। तालिबान ने सरकार को सत्ता से बेदखल कर अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था। अमेरिका, ब्रिटेन इत्यादि देशों की संयुक्त सेनाओं की मदद से तालिबान को सत्ता से बाहर किया गया। Read More
इस समझौते पर अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि जलमी खलीलजाद और अफगानिस्तान में तालिबान के वार्ताकार मुल्ला बिरादर ने हस्ताक्षर किया। इस हस्ताक्षर के दौरान अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ भी मौजूद थे। ...
अमेरिका ने पहली बार तालिबान से जुड़े किसी मामले में बातचीत के लिए भारत को आधिकारिक तौर पर न्यौता दिया. निश्चित तौर पर इस समझौते के भारत पर सामरिक, तथा राजनीतिक परिणाम होंगे. ...
श्रृंगला दो दिवसीय यात्रा पर शुक्रवार को काबुल पहुंचे जिस दौरान उन्होंने अफगान नेतृत्व से एक आत्मनिर्भर, संप्रभु, लोकतांत्रिक, बहुलवादी और समावेशी अफगानिस्तान के लिए भारत का समर्थन दोहराया। ...
तालिबान के साथ हुए समझौते के मुताबिक अमेरिका अफगानिस्तान में अपने सैनिकों की संख्या घटाकर 8,600 करने के लिये प्रतिबद्ध है, लेकिन अधिकारियों ने कहा कि अगर अफगान पक्ष किसी समझौते पर पहुंचने में नाकाम रहता है तो अमेरिका अपने सैनिकों की वापसी के लिये बाध ...
अमेरिका और तालिबान के हस्ताक्षर का गवाह बनने के लिए लगभग 30 देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के विदेश मंत्री और प्रतिनिधि पहुंचे हुए हैं। दोनों पक्षों के बीच 18 महीनों की वार्ता के बाद यह समझौता हो रहा है। ...
अफगानिस्तान में अमेरिकी और नाटो सेना का नेतृत्व कर रहे जनरल स्कॉट मिलर ने कहा कि पश्चिमी सेना "हिंसा में कमी" पर लगातार निगरानी रख रही है। अफगानिस्तान में शांति से अमेरिका का 18 साल बाद अमेरिकी सैनिकों की वापसी का रास्ता साफ हो जाएगा। ...
अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन की ओर से शनिवार को यह रिपोर्ट ऐसे समय में जारी की गई है जब अमेरिका और तालिबान के बीच हिंसा कम करने को लेकर सात दिन का समझौता प्रभावी हुआ है। ...
अमेरिका और तालिबान के बीच कतर में इस मुहर लग सकती है। दोनों पक्ष इस पर सहमत होने के बेहद करीब हैं। तालिबान के एक सूत्र ने यह जानकारी दी। दोनों के बीच 2001 से ही संघर्ष चल रहा है। ...