अमेरिका और तालिबान के बीच हुआ ऐतिहासिक शांति समझौता, भारत बना गवाह
By स्वाति सिंह | Published: February 29, 2020 06:08 PM2020-02-29T18:08:56+5:302020-02-29T18:24:57+5:30
अमेरिका और तालिबान के हस्ताक्षर का गवाह बनने के लिए लगभग 30 देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के विदेश मंत्री और प्रतिनिधि पहुंचे हुए हैं। दोनों पक्षों के बीच 18 महीनों की वार्ता के बाद यह समझौता हो रहा है।
अमेरिका और तालिबान बहुप्रतीक्षित शांति समझौते पर शनिवार को दोहा में हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते के तहत दोनों शत्रुओं के बीच चरमपंथ खत्म करने के बदले अफगानिस्तान से हजारों अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाए जाने पर सहमति बनी है। इस दौरान हस्ताक्षर का गवाह बनने के लिए लगभग 30 देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के विदेश मंत्री और प्रतिनिधि पहुंचे हुए हैं। दोनों पक्षों के बीच 18 महीनों की वार्ता के बाद यह समझौता हो रहा है।
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने शनिवार को अफगानिस्तान के कार्यकारी वित्त मंत्री अब्दुल हबीब जदरान और उप परिवहन मंत्री मोहम्मद जकरिया से मुलाकात की तथा भारत के सहयोग से संचालित होने वाली सड़क परियोजना से संबंधित समझौते पर हस्ताक्षर के कार्यक्रम में शामिल हुए।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने अपने ट्वीट में कहा कि भारत, अफगानिस्तान के साथ आर्थिक एवं मानव संसाधन विकास गठजोड़ के लिए प्रतिबद्ध है। कुमार ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘ विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कार्यकारी वित्त मंत्री अब्दुल हबीब जदरान और उप परिवहन मंत्री मोहम्मद जकरिया से मुलाकात की। वह भारत के सहयोग से अफगानिस्तान के बामियान और मजार ए शरीफ प्रांत में संचालित होने वाली सड़क परियोजना से संबंधित समझौते पर हस्ताक्षर कार्यक्रम में शामिल हुए।’’
US aims to withdraw all forces 'within 14 months' as per US-Afghan declaration: AFP news agency pic.twitter.com/MmUnt1lIo3
— ANI (@ANI) February 29, 2020
गौरतलब है कि श्रृंगला शुक्रवार को काबुल गए थे और उन्होंने स्थिर एवं शांतिपूर्ण अफगानिस्तान के लिए भारत के समर्थन के बारे में अफगानिस्तान के नेतृत्व को अवगत कराया। उन्होंने शुक्रवार को राष्ट्रपति अशरफ गनी से मुलाकात की और उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का एक पत्र सौंपा।