पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (पीएफआई) एक इस्लामिक संगठन है जिसकी भूमिका को लेकर हमेशा से सवाल उठते रहे हैं। केंद्र सरकार ने 28 सितंबर, 2022 को इस पर पांच साल का बैन लगा दिया। पीएफआई खुद को सामाजिक-आर्थिक, शैक्षिक और राजनीतिक संगठन के रूप में पेश करता है पर इस पर टेरर फंडिंग सहित कट्टरपंथ को बढ़ावा देने जैसे आरोप लगते रहे हैं। साल 2006 में मनिथा नीति पसाराई (MNP) और नेशनल डेवलपमेंट फंड (NDF) नाम के संगठन ने मिलकर पीएफआई का गठन किया था। ये संगठन शुरुआत में दक्षिण भारत के राज्यों में ही सक्रिय था। इसके बाद इसका विस्तार धीरे-धीरे उत्तर भारत के भी कई राज्यों में भी हो चुका है। Read More
केरल में एनआईए ने गुरुवार को 56 स्थानों पर पीएफआई कैडरों और इनसे कथित तौर पर संबंध रखने वालों के खिलाफ छापा मारा। पीएफआई को इसी साल बैन किया जा चुका है। ...
पीएफआई तथा उससे जुड़े संगठनों पर सरकार ने गैरकानूनी गतिविधि प्रतिबंध कानून (यूएपीए) के तहत पांच साल का प्रतिबंध लगा दिया है. इस संगठन को लेकर पहले से ही कई सवाल उठ रहे थे. ...
पीएफआई और इसके सहयोगी संगठनों पर बैन के बाद अब कार्रवाई इन संगठनों से जुड़े वेबसाइट और सोशल मीडिया अकाउंट्स पर भी की जा रही है। सभी के वेबसाइट, यूट्यूब चैनल, सोशल मीडिया अकाउंट आदि को ब्लॉक किया जा रहा है। ...
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को गैरकानूनी संगठन बताते हुए केंद्र सरकार ने इस पर पांच साल का बैन लगा दिया है। साथ ही इसके सहयोगी संगठनों पर भी कार्रवाई हुई है। हाल के दिनों की छापेमारी के बाद ये एक्शन सरकार की ओर से लिया गया है। ...
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर केंद्र सरकार ने पांच साल का बैन लगाया है। सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन में पीएफआई को लेकर कई बातें कही गई हैं। जानिए.. ...
देश के कई राज्यों में एनआईए और ईडी ने पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी की है। इसमें पीएफआई से जुड़े सदस्यों और नेताओं के घरों पर छापेमारी भी शामिल है। सूत्रों के अनुसार करीब 10 राज्यों में ये कार्रवाई चल रही है। ...