मनमोहन सिंह 2004 में भारत के 13 वें प्रधानमंत्री बने। नरसिम्हा राव सरकार में देश के वित्त मंत्री रहे। उन्हें देश को मुश्किल आर्थिक हालात से निकालने के लिए जाना जाता है। मनमोहन सिंह जब देश के प्रधानमंत्री थे तो उनके शासनकाल में ही अमेरिका के साथ न्यूक्लिअर डील हुआ। उनके प्रधानमंत्री रहते देश की आर्थिक विकास दर 10 प्रतिशत के पार पहुंच गई थी। मनमोहन सिंह के कार्यकाल में कई घोटाले सामने आये थे। Read More
पूर्व प्रधानमंत्री जब संबोधन के लिए मंच पर आ रहे थे तो छात्रों के एक गुट ने मोदी के समर्थन में नारे भी लगाए। पूर्व प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि गरीबी, सामाजिक असमानता, सांप्रदायिकता और धार्मिक कट्टरवाद तथा भ्रष्टाचार लोकतंत्र के समक्ष कुछ प ...
उच्च पदस्थ सूत्रों 'लोकमत न्यूज' को बताया कि कांग्रेस देश की लगातार गिर रही अर्थव्यवस्था को बड़े राजनीतिक मुद्दे के रूप में खड़ा करना चाहती है ताकि वह साबित कर सके कि प्रधानमंत्री मोदी जिस 5 ट्रिलियन वाली अर्थव्यवस्था की बात कर रहे है, वह महज एक झूठ ...
एस. जयपाल रेड्डी के निधन पर रखे गये एक शोक सभा में मुरली मनोहर जोश ने कहा, 'मैं ऐसा समझता हूं कि आजकल ऐसे नेतृत्व की बहुत आवश्यकता है जो सिद्धांतों के साथ बेबाकी के साथ और बिन कुछ इस बात के चिंता किये हुए प्रधानमंत्री नाराज होंगे या खुश होंगे, अपनी ब ...
बीजेपी का कहना है कि मनमोहन सिंह थे तो अर्थशास्त्री, लेकिन जिन लोगों ने पर्दे के पीछे से उन्हें निर्देशित किया, उससे भ्रष्टाचार और भाई भतीजावाद को बढ़ावा मिला और अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा। ...
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सरकार से अर्थव्यवस्था को संकट से बाहर निकालने के लिए कहा वहीं वित्त मंत्री ने लोगों को उम्मीद बंधाई कि बैंकों के विलय से किसी की नौकरी नहीं जाएगी। एनआरसी मुद्दे पर रिफ्यूजी अधिकारी ने कहा कि NRC जारी होने के बाद कोई ...
अर्थव्यवस्था की सुस्ती के सवाल पर वित्तमंत्री ने कहा कि वो उद्योगपतियों से मिल रही हैं। उनसे सुझाव ले रही हैं कि सरकार से क्या चाहिए। उन्होंने कहा, 'मैं उनका जवाब दे रही हूं। मैंने पहले भी दो बार किया है। आगे भी करती रहूंगी।' ...
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का कहना है कि यह आर्थिक नरमी मोदी सरकार के चौतरफा कुप्रबंधन की वजह से है। उन्होंने सरकार से बदले की राजनीति छोड़कर समझदार लोगों से बात करने की सलाह दी है। ...
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में GDP वृद्धि दर लगातार पांचवी तिमाही में कम होकर 5 प्रतिशत रह गई। यह पिछले छह साल से अधिक समय में सबसे कम वृद्धि दर रही है। ...