GDP में गिरावट पर बोले मनमोहन सिंह, मोदी सरकार के कुप्रबंधन का परिणाम है मंदी, नोटबंदी-GST जैसे ब्लंडर से हुआ नुकसान

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 1, 2019 10:43 AM2019-09-01T10:43:49+5:302019-09-01T10:57:34+5:30

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में GDP वृद्धि दर लगातार पांचवी तिमाही में कम होकर 5 प्रतिशत रह गई। यह पिछले छह साल से अधिक समय में सबसे कम वृद्धि दर रही है।

Manmohan Singh economy today is deeply worrying mismanagement by Modi govt has resulted in this slowdown | GDP में गिरावट पर बोले मनमोहन सिंह, मोदी सरकार के कुप्रबंधन का परिणाम है मंदी, नोटबंदी-GST जैसे ब्लंडर से हुआ नुकसान

कांग्रेस ने मांग की है कि देश में वित्तीय आपातकाल लागू किया जाए।

Highlightsभारत से दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का तमगा छिन गया है।पहली तिमाही में देश की वृद्धि दर चीन से भी नीचे रही है।

जीडीपी में लगातार पांचवीं तिमाही में गिरावट पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है।

रिजर्व बैंक के गर्वनर और वित्त मंत्री रह चुके हैं मनमोहन सिंह ने कहा,  आर्थिक हालात गंभीर रूप से चिंताजनक हैं। पिछली तिमाही में 5 फीसदी की जीडीपी वृद्धि दर दर्शाती है कि हम लंबे समय तक बने रहने वाली आर्थिक नरमी के दौर में हैं।  मैं सरकार से अपील करता हूं कि वह प्रतिशोध की राजनीत को त्याग कर मानव निर्मित संकट से अर्थव्यवस्था को निकालने के लिए सुधी जनों की आवाज सुने। मोदी सरकार की नीतियों के परिणामस्वरूप व्यापक पैमाने पर रोजगार विहीन विकास हो रहा है भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी से बढ़ने की क्षमता है लेकिन मोदी सरकार के कुप्रबंधन से हम आर्थिक सुस्ती के दौर से गुजर रहे हैं।

उन्होंने कहा,  यह विशेष रूप से व्यथित करने वाला है कि विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 0.6% है। इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि हमारी अर्थव्यवस्था अभी तक जीएसटी और नोटबंदी जैसे ब्लंडर से उबर नहीं पाई है।

बता दें कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर लगातार पांचवी तिमाही में कम होकर 5 प्रतिशत रह गई। यह पिछले छह साल से अधिक समय में सबसे कम वृद्धि दर रही है।  

इसके बाद भारत से दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का तमगा छिन गया है। पहली तिमाही में देश की वृद्धि दर चीन से भी नीचे रही है। अप्रैल-जून तिमाही में चीन की आर्थिक वृद्धि दर 6.2 प्रतिशत रही जो उसके 27 साल के इतिहास में सबसे कम रही है।

 देश की जीडीपी वृद्धि पहली तिमाही में पांच प्रतिशत रही है। यह वित्त वर्ष 2012-13 की जनवरी-मार्च तिमाही के बाद सबसे निचला स्तर है। वित्त वर्ष 2012-13 की चौथी तिमाही (जनवरी- मार्च में) वृद्धि दर 4.3 प्रतिशत के निचले स्तर पर रही थी जबकि एक साल पहले 2018-19 की पहली तिमाही में यह 8 प्रतिशत के उच्च स्तर पर थी। 

पिछली तिमाही यानी जनवरी से मार्च 2019 में वृद्धि दर 5.8 प्रतिशत और समूचे वित्त वर्ष 2018- 19 में यह 6.8 प्रतिशत रही है। 

कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा था कि जीडीपी में तेज गिरावट ‘‘मोदी निर्मित आपदा’’ है और मांग की थी कि देश में एक वित्तीय आपातकाल घोषित किया जाए। पार्टी ने कहा था कि खबरों की सुर्खियों का प्रबंधन करके सच्चाई को अब ज्यादा छुपाया नहीं जा सकता।

Web Title: Manmohan Singh economy today is deeply worrying mismanagement by Modi govt has resulted in this slowdown

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