मदरसा किसी भी प्रकार के शैक्षिक संस्थान के लिए एक अरबी शब्द है। हमें इसे मदरसा, मेडरेसा, मदरसा, मदरज़ा, मेडरेस आदि जैसे शब्दों से भी जानते हैं। भारत जैसे देशों में, मदरसा के सभी छात्र मुसलमान ही हैं। इस्लामी अध्यात्मवाद और कानून के अलावा मजरसों में अरबी व्याकरण व साहित्य, गणित, तर्कशास्त्र और कभी-कभी प्राकृतिक विज्ञान भी पढ़ाए जाते हैं। मदरसों में शिक्षा निःशुल्क होता है। इसके साथ ही भोजन, आवास उपलब्ध कराने के अलावा चिकित्सकीय देखभाल भी की जाती थी। भारत में मदरसे दिल्ली सल्तनत काल में 12वीं शताब्दी में शुरू होने के प्रमाण मिलते हैं। लेकिन इसका विस्तार 1867 में देवबंद, उत्तर प्रदेश में मुहम्मद आबिद हुसैन व अन्य ने मदरसा-ए दारूल उलूम की स्थापना के बाद हुआ।