फास्टैग एक ऐसा डिवाइस होता है जिसे गाड़ी के विंडस्क्रीन पर लगा दिया जाता है। RFID टेक्नॉलॉजी पर बेस्ड यह फास्टैग लगी गाड़ी जैसे ही टोल से गुजरती है तो रेडियो फ्रीक्वेंसी टेक्नॉलॉजी की मदद से फास्टैग स्कैन हो जाता है। स्कैन होते ही आपके बैंक खाते या फिर अन्य UPI आधारित गूगल पे, पेटीएम, भीम एप से पैसे कट जाते हैं। ऐसे में आपको लंबी लाइन में लगकर मैन्युअल तरीके से पैसे देकर टोकन लेने की जरूरत नहीं पड़ती। Read More
फास्टैग की सुविधा को सबसे पहले टोल प्लाजा पर लगने वाले जाम को कम करने के लिए लाया गया था। दरअसल पहले टोल टैक्स के लिए टोल प्लाजा पर गाड़ियों की लंबी लाइनें लगती थीं। इससे कई बार जाम भी लग जाता था। ...
फास्टैग को जिस उद्देश्य से लाया गया था उसमें टोल कलेक्शन के साथ ही टोल प्लाजा पर मैनुअल तरीके से टोल वसूलने में लगने वाले जाम से भी मुक्त करना था लेकिन ये उद्देश्य सफल होता नहीं दिख रहा। अभी भी टोल प्लाजा पर जाम से मुक्ति नहीं मिल रही है और यह एनएचएआ ...
फास्टैग को बढ़ावा देने के लिए NHAI ने FASTag पर लगने वाले चार्ज को सीमीत समय के लिए फ्री कर दिया है। फास्टैग खरीदने के लिए आप अपने आसपास के अथॉरॉइज्ड जगह पर जा सकते हैं। ...
आपको बता दें कि फास्टैग को बढ़ावा देने के लिए एनएचएआई ने एक और कड़ा फैसला लिया है। इस नियम के तहत अब बिना फास्टैग वाले वाहनों के 24 घंटे के अंदर वापसी करने पर मिलने वाली छूट भी खत्म कर दी गई है। ...
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में कहा था कि 15 जनवरी से निजी और कमर्शियल सभी तरह वाहनों के लिए 'फास्टैग' अनिवार्य हो जाएगा। फास्टैग (FASTag) रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) टैग है। ...
फास्टैग (FASTag) रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) टैग है। इसके जरिए टोल प्लाजा पर ऑटोमैटिक भुगतान हो जाता है। फास्टैग को गाड़ी के विंडस्क्रीन पर लगाया जाता है। ...