अपराध से राजनीति की दुनिया में पहुंचा अतीक अहमद पांच बार विधायक और एक बार सांसद भी रहा। उसकी हत्या 15 अप्रैल 2023 की रात उस समय कर दी गई जब यूपी पुलिस की सुरक्षा के बीच उसे मेडिकल जांच के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा था। तीन हमलावरों ने गोली मारकर अतीक और उसके भाई अशरफ की हत्या कर दी। हत्या से कुछ दिन पहले ही अतीक को गुजरात की साबरमती जेल से यूपी के प्रयागराज लाया गया था। पुलिस उससे उमेश पाल हत्याकांड में पूछताछ के लिए गुजरात से यूपी लेकर आई थी और वह जेल में बंद था। अतीक अहमद पर जेल में रहने के बाद भी अपने जुर्म का सिक्का चलते रहने के आरोप लगते रहे हैं। अतीक ने सबसे पहले 1989 में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर इलाहाबाद पश्चिमी सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा था और जीत भी हासिल करने में कामयाब रहा। निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर राजनीति की शुरुआत करने के बाद अतीक समाजवादी पार्टी में शामिल हुआ फिर अपना दल में भी शामिल हुआ। Read More
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अखलाक ने उमेश पाल की हत्या करने के बाद शूटर और अतीक अहमद के बेटे असद को भगाने में मदद की थी। नेता बने अतीक अहमद को प्रयागराज के एमपी-एमएलए कोर्ट ने 28 मार्च को दोषी ठहराया था। ...
अहमदाबाद: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में उमेश पाल अपहरण केस में उम्रकैद की सजा के बाद साबरमती जेल में अतीक अहमद को क्वारंटाइन किया गया है। साबरमती जेल में अब अतीक उम्रकैद की सजा काटेगा और साथ ही उसे कैदी की नंबर प्लैट भी मिल गई है। नवभारत टाइम्स के म ...
प्रयागराज की एक विशेष अदालत ने पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड मामले के प्रमुख गवाह रहे उमेश पाल के अपहरण के करीब 17 साल पुराने मामले में अतीक अहमद समेत तीन आरोपियों को मंगलवार को दोषी करार देते हुए सश्रम आजीवन कारावास और एक-एक लाख रुपये जुर्माने की ...