अमृतपाल सिंह 'वारिस पंजाब दे' संगठन का प्रमुख है। खालिस्तानी लीडर अमृतपाल मूल रूप से अमृतसर के गांव जंडुपुर खेरा का रहने वाला है। अमृतपाल का परिवार दुबई में ट्रांसपोर्ट का काम करता है। वह भी इसी बिजनेस से जुड़ा था। बाद में वह भारत लौटा और 'वारिस पंजाब दे' का प्रमुख बना। इस संगठन को दिल्ली में किसानों की रैली के दौरा हुई हिंसा के आरोपी रहे दीप सिद्धू ने बनाया था। ऐसा कहते हैं कि खालिस्तानी विचारधारा का पाठ उसने दुबई में ही पढ़ा। साल 2023 की फरवरी में वह सबसे अधिक चर्चा में उस समय आया जब अमृतपाल ने अपने एक समर्थक को छुड़ाने के लिए कई समर्थकों के साथ अमृतसर शहर के बाहरी इलाके में अजनाला थाना पर हमला कर दिया। Read More
Amritpal Singh News: 23 अप्रैल को सिंह की हिरासत के 2 साल पूरे हो जाएंगे। एनएसए के अलावा उन पर यूएपीए के तहत भी आरोप लगाए गए हैं। अमृतसर के जिला मजिस्ट्रेट से संस्तुति मिलने के बाद राज्य के गृह विभाग ने हिरासत की अवधि 1 साल के लिए बढ़ा दी है। ...
अमृतपाल सिंह और उनके सहयोगी पिछले दो साल से एनएसए के तहत असम की डिब्रूगढ़ जेल में हैं। उन्होंने 2024 का लोकसभा चुनाव निर्दलीय के तौर पर लड़ा था और खडूर साहिब सीट से जीते थे। ...
अमृतपाल सिंह 14 जनवरी को एक रैली के साथ एक नई क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टी शुरू करने की तैयारी में हैं। पंजाब के श्री मुक्तसर साहिब में ‘माघी दा मेले’ के दौरान होने वाली घोषणा के लिए ‘पंथ बचाओ, पंजाब बचाओ’ रैली का आयोजन किया गया है। ...
18वीं लोकसभा के लिए चुने गए पंजाब के कुल 13 सांसदों में से 12 ने संसद में शपथ ले ली है। लेकिन जेल में बंद खालिस्तान समर्थक उपदेशक और खडूर साहिब से नवनिर्वाचित निर्दलीय सांसद अमृतपाल सिंह शपथ नहीं ले सके। ...
जेल में बंद खालिस्तानी अलगाववादी और खडूर साहिब लोकसभा सीट से विजेता अमृतपाल सिंह के वकील राजदेव सिंह खालसा ने कहा कि सिंह के प्रयास पंजाब में नशीली दवाओं के दुरुपयोग को खत्म करने की दिशा में थे। ...