लाइव न्यूज़ :

बढ़ती जा रही है टिकटॉक की मुश्किल, अब साउथ कोरिया ने लगाया जुर्माना, बच्चों का डेटा कलेक्ट करने और दूसरे देशों को शेयर करने आरोप

By रजनीश | Updated: July 16, 2020 11:07 IST

भारत में बैन के बाद अब टिकटॉक ऐप पर साउथ कोरिया ने जुर्माना लगाया है। दरअसल टिकटॉक पर जुर्माना डेटा कलेक्ट करने और फिर उसे दूसरे देशों को शेयर करने के लिए लगाया गया है।

Open in App
ठळक मुद्दे टिकटॉक बिना पैरंट्स की परमिशन के 14 साल के कम उम्र के बच्चों का डेटा कलेक्ट और इस्तेमाल कर रहा था।टिकटॉक पर आरोप लगा है कि उसने बच्चों से जुड़े डेटा का गलत इस्तेमाल किया।

शॉर्ट विडियो मेकिंग ऐप टिकटॉक को भारत में तो पहले से ही बैन किया जा चुका है। अब अमेरिका में भी इसको बैन करने की चर्चा तेज है। हाल ही में एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि टिकटॉक को बैन करना चाइना से हथियार छीन लेने जैसा है। अब टिकटॉक पर एक और बड़ा आरोप लगा है। इस ऐप पर साउथ कोरिया में बड़ा जुर्माना लगाया गया है। 

टिकटॉक पर आरोप लगा है कि उसने बच्चों से जुड़े डेटा का गलत इस्तेमाल किया। इसके चलते टिकटॉक ऐप पर 186 मिलियन वॉन (करीब 1.1 करोड़ रुपये) डॉलर का जुर्माना लगाया गया है।

द कोरिया कम्युनिकेशंस कमिशन (केसीसी) ने चाइनीज कंपनी पर फाइन लगाया है। केसीसी दरअसल कोरिया में टेलिकम्युनिकेशंस और डेटा से जुड़े सेक्टर्स में रेग्युलेटर का काम करता है। यही संस्था यूजर्स के डेटा से जुड़ी निगरानी की जिम्मेदारी का काम भी करती है। टिकटॉक पर यह बड़ा जुर्माना इसलिए लगाया गया क्योंकि कंपनी यूजर्स का प्राइवेट डेटा प्रटेक्ट नहीं रख पाई थी।टिकटॉक पर लगाया गया जुर्माना कंपनी की इस देश में एनुअल सेल्स का करीब 3 प्रतिशत है। लोकल प्राइवेसी लॉ के तहत इतनी ही रकम कंपनी को चुकानी पड़ती है। 

14 साल से कम उम्र के बच्चों का डेटा कलेक्ट कियाकेसीसी ने पिछले साल अक्टूबर में मामले की जांच शुरू की थी और पाया था कि टिकटॉक बिना पैरंट्स की परमिशन के 14 साल के कम उम्र के बच्चों का डेटा कलेक्ट और इस्तेमाल कर रहा था। खासकर कम उम्र के यूजर्स के डेटा को लेकर टिकटॉक की गलती सामने आई। 

दूसरे देशों को शेयर किया डेटाकेसीसी के मुताबिक, 31 मई 2017 से 6 दिसंबर 2019 के बीच चाइल्ड डेटा के कम से कम 6,0007 पीस कलेक्ट किए गए। टिकटॉक ने यूजर्स को यह जानकारी भी नहीं दी कि उनका डेटा दूसरे देशों तक भेजा जा रहा है। 

जांच में सामने आया कि कंपनी चार क्लाउड सर्विसेज अलीबाबा क्लाउड, फास्टली, एजकास्ट और फायरबेस का इस्तेमाल करती है। ऐसे में एक बार फिर टिकटॉक पर सवाल उठने से उसकी मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। साथ ही उसे अन्य देशों में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

टॅग्स :टिक टॉकदक्षिण कोरिया
Open in App

संबंधित खबरें

विश्वTrump-Xi Jinping Meeting: राष्ट्रपति ट्रंप से 6 साल बाद शी जिनपिंग की मुलाकात, चीनी राष्ट्रपति ने कहा- 'हम दोनों को दोस्ती के रास्ते पर चलना चाहिए'

कारोबारत्योहार पर बड़ी खबर?, वित्त वर्ष 2029-30 तक 45000 करोड़ रुपये का निवेश, 26 नए वाहन और लाखों नौकरी, दक्षिण कोरिया की वाहन विनिर्माता हुंदै मोटर कंपनी की घोषणा

भारतपैरा विश्व तीरंदाजी चैम्पियनशिपः नंबर-1 ओजनूर गिर्डी को 146-143 से हराकर शीतल देवी ने जीता गोल्ड, एक दिन में 3 पदक

विश्वकौन हैं स्वाति घोष?, दक्षिण कोरिया में आयोजित एचडब्ल्यूपीएल वर्ल्ड पीस समिट में खास पहचान

भारतHockey Asia Cup 2025: गत चैम्पियन दक्षिण कोरिया को फाइनल में 4-1 से हराकर 8 साल बाद एशिया कप खिताब, 2026 विश्व कप के लिए क्वालीफाई टीम इंडिया

टेकमेनिया अधिक खबरें

टेकमेनियाक्या है संचार साथी? साइबर सिक्योरिटी ऐप जिसे सरकार क्यों चाहती है भारत के हर नए स्मार्ट फोन में हो इंस्टॉल

टेकमेनियाएक्टिव सिम के बिना नहीं चलेगा आपका WhatsApp, केंद्र ने साइबर क्राइम रोकने के लिए नए नियम जारी किए

टेकमेनियाक्या है क्लाउडफ्लेयर में रुकावट की वजह? जानिए एक्स, चैटजीपीटी और दूसरी लोकप्रिय वेबसाइटें क्यों हुईं डाउन?

टेकमेनियाX Down: एलन मस्क का एक्स उपयोगकर्ताओं के लिए हुआ डाउन, यूजर हुए परेशान

टेकमेनियागंभीर संकट परोस रहा है सोशल मीडिया