भारत का टेलीकॉम सेक्टर बुरे दौर से गुजर रहा है और इसका सीधा असर मोबाइल यूजर्स पर पड़ेगा। रिलायंस जियो की एक खबर ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। लोगों को सस्ते दरों पर डेटा और कॉलिंग सुविधा देने के तौर पर पहचान बनाने वाली कंपनी रिलयांस जियो अब लोगों से ज्यादा पैसा वसूलने की तैयारी में है।
दरअसल रिलायंस जियो चाहती है कि प्रति जीबी डेटा के फ्लोर प्राइस को 15 रुपये प्रति जीबी कर दिया जाए। सिर्फ इतना ही नहीं रिलायंस जियो ने टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) से यह भी अपील की है कि आने वाले 6 से 9 महीनों में इस फ्लोर प्राइस को बढ़ाकर 20 रुपये प्रति जीबी कर दिया जाना चाहिए।
ईटी टेलिकॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक जियो ने कहा है कि वायरलेस डेटा रेट अब कंज्यूमर के डेटा कंजंप्शन पर निर्भर होंगे। जियो ने यह भी कहा है कि वॉइस टैरिफ में फिलहाल कोई बदलाव नहीं किया जा सकता क्योंकि यह मार्केट में अस्थिरता लाएगा और इसे लागू करने में भी काफी मुश्किल आएगी।
जियो ने ट्राई को दिए कंसल्टेशन पेपर में कहा कि भारतीय यूजर कीमतों को लेकर काफी संवेदनशील हैं। इसीलिए फ्लोर प्राइस को एक बार की बजाय दो-तीन बार में बढ़ाया जाए जिससे टैरिफ के महंगे होने के बोझ को कम किया जा सके। जियो ने यह भी कहा कि नए फ्लोर प्राइस सभी मौजूदा टैरिफ और सेगमेंट्स के लिए एक जैसे होने चाहिए। इसमें इंडिविजुअल यूजर्स के साथ ही कॉर्पोरेट्स को भी शामिल किया जाना चाहिए।
एजीआर का भुगतान न करने के कारण टेलिकॉम इंडस्ट्री भारी कर्ज में चल रही है। वोडाफोन को 53 हजार करोड़ और एयरटेल को 35 हजार करोड़ रुपये का भुगतान करना है। ये कंपनियां अपने सर्वाइवल दौर से गुजर रही हैं। जियो ने कहा कि टारगेट फ्लोर प्राइस तय होने के बाद इंडस्ट्री को काफी राहत पहुंचने की उम्मीद है।
अभी तक ये साफ नहीं हुआ है कि ट्राई फ्लोर प्राइस को कब से बढ़ाएगी। यदि फ्लोर प्राइस बढ़ती है तो ये बात तय है कि डेटा यूज करना और भी महंगा हो जाएगा। दूसरी बात भारत में वैसे भी यूनीनॉर, एयरसेल, डोकोम के जाने और आइडिया-वोडाफोन के हाथ मिलाने के बाद बहुत कम टेलीकॉम कंपनियां बची हैं। ऐसे में कोई ज्यादा कॉम्पिटिशन नहीं रहेगा तो कंपनियां आसानी से कीमत बढ़ा देंगी।