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मोदी सरकार का तोहफा: सार्वजनिक वाईफाई के इस्तेमाल के लिए करना होगा एक ही बार लॉगइन

By भाषा | Updated: February 16, 2019 13:46 IST

दूरसंचार सचिव अरुणा सुंदरराजन ने कहा कि उद्योग ने दिसंबर, 2019 तक 10 लाख वाईफाई हॉटस्पॉट लगाने की प्रतिबद्धता जताई थी। उन्होंने कहा कि अब तक 3.7 लाख वाईफाई हॉटस्पॉट लगाए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि नेटवर्कों की इंटरऑपरेबिलिटी को लेकर सुरक्षा संबंधी मंजूरी मिलने के बाद उपभोक्ता सुचारू इंटरनेट सेवाओं का इस्तेमाल कर सकेंगे और इससे छोटे उद्यमियों के लिए आय का एक स्रोत भी विकसित होगा।

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ठळक मुद्देसरकार सार्वजनिक वाईफाई नेटवर्कों के इंटरऑपरेबिलिटी के प्रस्ताव पर विचार कर रही हैउपभोक्ताओं को सार्वजनिक वाईफाई का इस्तेमाल करने में आसानी होगीइसके लिए केवल एक ही बार लॉग इन या भुगतान करना होगा

दूरसंचार विभाग की एक शीर्ष अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि सरकार सार्वजनिक वाईफाई नेटवर्कों के इंटरऑपरेबिलिटी के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। इससे उपभोक्ताओं को सार्वजनिक वाईफाई का इस्तेमाल करने में आसानी होगी। उन्हें इसके लिए केवल एक ही बार लॉग इन या भुगतान करना होगा।

दूरसंचार सचिव अरुणा सुंदरराजन ने कहा कि उद्योग ने दिसंबर, 2019 तक 10 लाख वाईफाई हॉटस्पॉट लगाने की प्रतिबद्धता जताई थी। उन्होंने कहा कि अब तक 3.7 लाख वाईफाई हॉटस्पॉट लगाए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि नेटवर्कों की इंटरऑपरेबिलिटी को लेकर सुरक्षा संबंधी मंजूरी मिलने के बाद उपभोक्ता सुचारू इंटरनेट सेवाओं का इस्तेमाल कर सकेंगे और इससे छोटे उद्यमियों के लिए आय का एक स्रोत भी विकसित होगा।

Aruna Sundararajan

सुंदरराजन ने कहा, “ हम भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) और सेवा प्रदाताओं के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। हम इंटरऑपरेबल सार्वजनिक वाईफाई की शुरुआत की उम्मीद कर रहे हैं। उन्होंने ब्रॉडबैंड इंडिया फोरम (बीआईएफ) की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में यह बात कही। सुंदरराजन ने कहा कि इंटरऑपरेबिलिटी का प्रस्तावित मॉडल बड़े बदलाव लाने वाला होगा।

उन्होंने एक उदाहरण के जरिये प्रस्तावित बदलावों को समझाने की कोशिश की, “आज अगर आप हवाई अड्डा पर जाते हैं तो आपको हर बार लॉग इन करना होता है और कुछ मौकों पर भुगतान भी करना होता है... (इंटरऑपरेबिलिटी) का मतलब है कि आप किसी भी सेवा प्रदाता के वाईफाई सेवा का कहीं भी इस्तेमाल कर सकते हैं... आपको केवल एक बार भुगतान करना होगा, लॉग इन करना होगा एवं कहीं भी उसका इस्तेमाल कर सकेंगे...यह पूरी तरह नयी चीज होगी।” 

सार्वजनिक डेटा कार्यालय या पीडीओ मॉडल के जरिये इससे छोटे उद्यमियों को आय का स्रोत भी हासिल हो जाएगा। भारत में डेटा की खपत बढ़ रही है और ऐसे में सार्वजनिक वाईफाई देश के लिए अहम है।

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