6071 रेलवे स्टेशनों पर वाई-फाई सेवाएं, हर महीने करीब 97.25 टेराबाइट डेटा का उपयोग, जानिए आंकड़े

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 10, 2021 07:23 PM2021-12-10T19:23:20+5:302021-12-10T19:25:12+5:30

1287 स्टेशनों पर वाई-फाई सेवाएं रेलटेल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा मुहैया करायी जा रही हैं।

Railway Stations 6071 Wi-Fi services provided 97-25 Terabytes per month approx across India | 6071 रेलवे स्टेशनों पर वाई-फाई सेवाएं, हर महीने करीब 97.25 टेराबाइट डेटा का उपयोग, जानिए आंकड़े

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी।

Highlightsऑनलाइन सेवाएं व सूचना का लाभ उठाने में लोगों की मदद कर रही है।यात्रियों को स्टेशनों पर इंटरनेट का उपयोग करने में सुविधा प्रदान करता है।संचार विभाग द्वारा 27.22 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।

नई दिल्लीः सरकार ने शुक्रवार को राज्यसभा में कहा कि देश भर में 6071 रेलवे स्टेशनों पर वाई-फाई सेवाएं मुहैया करायी गयी हैं और वहां हर महीने करीब 97.25 टेराबाइट डेटा का उपयोग होता है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि इन स्टेशनों पर वाई-फाई सेवा पहले आधे घंटे के लिए आम लोगों को निशुल्क उपलब्ध है और उसके बाद यह भुगतान आधार पर है। उन्होंने कहा कि रेलवे स्टेशनों पर वाई-फाई का प्रावधान यात्रियों को स्टेशनों पर इंटरनेट का उपयोग करने में सुविधा प्रदान करता है और यह सुविधा ऑनलाइन सेवाएं व सूचना का लाभ उठाने में लोगों की मदद कर रही है।

रेल मंत्री ने कहा कि इस योजना के लिए मंत्रालय द्वारा अलग से कोई निधि नहीं स्वीकृत की गयी है। ग्रामीण क्षेत्रों में 193 स्टेशनों पर वाई-फाई सेवाओं के लिए सार्वभौमिक सेवा दायित्व कोष (यूएसओएफ) के तहत संचार विभाग द्वारा 27.22 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।

उन्होंने बताया कि 1287 स्टेशनों पर वाई-फाई सेवाएं रेलटेल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा मुहैया करायी जा रही हैं। शेष स्टेशनों पर कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) व विभिन्न कंपनियों की चैरिटी परियोजना के तहत यह सुविधा मुहैया करायी गयी है जिसके लिए कोई भी पूंजीगत व्यय नहीं किया जाता है।

भारत में 37 प्रतिशत रेलगाड़ियां डीजल इंजनों से संचालित, शेष बिजली से

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को कहा कि देश में औसतन 13,555 रेलगाड़ियों का परिचालन होता है और इनमें 37 प्रतिशत गाड़ियां डीजल इंजनों से संचालित होती हैं। राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में उन्होंने बताया कि शेष 63 प्रतिशत गाड़ियों का संचालन इलेक्ट्रिक इंजनों द्वारा किया जाता है।

उनसे पूछा गया था कि क्या यह सच है कि देश में अधिकतर रेलगाड़ियां डीजल और बिजली से चल रही हैं। इसके जवाब में रेल मंत्री ने कहा, ‘‘जी हां। भारतीय रेल में औसतन 13,555 गाड़ियां (मालगाड़ी और सवारी गाड़ी दोनों) चलती हैं। इसमें से 63 प्रतिशत और 37 प्रतिशत गाड़ियां क्रमशः बिजली और डीजल इंजनों द्वारा चलती है।’’

रेलवे ओमीक्रोन के कारण सोच-समझ कर बेडरोल मुहैया कराने के बारे में फैसला करेगा : वैष्णव

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को राज्यसभा में कहा कि कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन के कारण रेलवे सोच-समझकर ट्रेनों में यात्रियों को बेडरोल मुहैया कराने के बारे में फैसला करेगा। उन्होंने उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि रेलवे यात्रियों को फिर से बेडरोल मुहैया कराने की शुरुआत करने वाला था। लेकिन ओमीक्रोन के कारण अब वह सोच-समझकर इस बारे में फैसला करेगा क्योंकि यह देश की सुरक्षा और लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ा एक अहम विषय है।

उल्लेखनीय है कि रेलवे ने हाल के दिनों में अपनी कुछ सेवाओं को बहाल किया है जिन्हें कोरोना वायरस पर काबू किए गए लॉकडाउन के दौरान निलंबित कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें सामान्य सामान्य किराए पर चलने लगी हैं और प्लेटफॉर्म टिकट की कीमत भी सामान्य कर दी गयी है।

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