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अब इस सरकारी एप के जरिये किसान किराये पर ले सकेंगे ट्रैक्टर और अन्य कृषि मशीनरी

By भाषा | Updated: September 25, 2019 06:13 IST

कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कृषि किसान एप में, सरकार के पास जियो टैगयुक्त फसल प्रदर्शन करने वाले खेत और बीज केन्द्र हैं, जो न केवल उनके प्रदर्शन को दिखा सकता है बल्कि किसानों को उसका लाभ उठाने में मदद कर सकता है।

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ठळक मुद्देइस पेशकश के बाद तोमर ने कहा, ‘‘हम छोटे और सीमांत किसानों को सशक्त बनाने की कोशिश कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि सभी सेवा प्रदाताओं और किसानों को एक साझा मंच पर लाया गया है।

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि देश भर के किसान अब 'सीएचसी-फार्म मशीनरी' मोबाइल एप के माध्यम से ट्रैक्टर और अन्य कृषि मशीनरियों को किराए पर ले सकते हैं। तोमर ने किसानों को नई कृषि तकनीकों के खेत पर प्रदर्शन, बीज केन्द्र और मौसम परामर्श का लाभ उठाने में मदद उपलब्ध कराने के लिए एक और मोबाइल एप 'कृषि किसान' भी मंगलवार को पेश किया। 

इस पेशकश के बाद तोमर ने कहा, ‘‘हम छोटे और सीमांत किसानों को सशक्त बनाने की कोशिश कर रहे हैं। हमने उन तक पहुंचने के लिए मोबाइल एप जैसी तकनीक का उपयोग करने का सोचा है। जिस तरह से आप एप का उपयोग करके ओला या उबर कैब बुक करते हैं, हमने उसी तरह से कृषि मशीनरी किराये पर लेने के लिए एक समान एप लाने का फैसला किया है।’’ 

उन्होंने कहा कि सभी सेवा प्रदाताओं और किसानों को एक साझा मंच पर लाया गया है। उन्होंने कहा कि अब तक इस मोबाइल एप पर 1,20,000 से अधिक कृषि यंत्रों और उपकरणों को किराए पर देने के लिए 40,000 कस्टम हायरिंग सेंटर पंजीकृत किए गए हैं। 

इस एप को ‘‘क्रांतिकारी सेवा’’ बताते हुए, मंत्री ने कहा, एप के माध्यम से किसान यह जान सकते हैं कि उनके खेत के पास कौन से मशीन किराया पर देने वाला केन्द्र उपलब्ध हैं, वे मशीनरी का फोटो देख सकते हैं, कीमत के बारे में मोल भाव कर ऑर्डर दे सकते हैं। 

कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कृषि किसान एप में, सरकार के पास जियो टैगयुक्त फसल प्रदर्शन करने वाले खेत और बीज केन्द्र हैं, जो न केवल उनके प्रदर्शन को दिखा सकता है बल्कि किसानों को उसका लाभ उठाने में मदद कर सकता है। अधिकारी ने कहा कि बीज के मिनी किट बीज की संख्या बढ़ाने के लिए किसानों को वितरित किए जा रहे हैं और अब जब वे ‘जियो-टैग’ हैं, जिससे सरकार यह पता लगा सकती है कि मिनी किट का उपयोग किया जा रहा है या नहीं। 

इस ऐप के माध्यम से, सरकार प्रायोगिक आधार पर चार जिलों - भोपाल (मध्य प्रदेश), वाराणसी (उत्तर प्रदेश), राजकोट (गुजरात) और नांदेड़ (महाराष्ट्र) में खेत स्तर पर मौसम के बारे में परामर्श देगी। ये दोनों मोबाइल एप मुफ्त हैं और इन्हें गूगल प्लेस्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है।

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