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ट्विटर से साइबर सुरक्षा संबंधी खतरे, कंपनी के पूर्व अधिकारी ने किए चौंकानेवाले दावे- चीनी खुफिया एजेंट भी थे कर्मचारी

By भाषा | Updated: September 14, 2022 08:03 IST

जानेमाने साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ पीटर एम जेटको अपने आरोपों पर दलील पेश करने के लिए सीनेट की न्यायिक समिति के समक्ष पेश हुए थे। उन्होंने कहा कि ट्विटर जनता, सांसदों और नियामकों को गुमराह कर रहा है तथा यह मंच उद्योगों के सर्वश्रेष्ठ मानदंड से एक दशक से अधिक पीछे है।

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ठळक मुद्देट्विटर के एक पूर्व सुरक्षा प्रमुख ने कहा, ‘‘वे नहीं जानते कि क्या डाटा उनके पास है, वे कहा हैं और कहां से आते जाते हैं, ट्विटर ने जानबूझकर भारत सरकार को अपने एजेंटों को कंपनी में रखने की अनुमति दीः जेटेकाचीनी खुफिया सेवा एमएसएस का ‘ कम से कम एक एजेंट’ ट्विटर कर्मचारी थाः ट्विटर के पूर्व सुरक्षा प्रमुख

वाशिंगटनः ट्विटर के एक पूर्व सुरक्षा प्रमुख ने मंगलवार को अमेरिकी कांग्रेस (संसद) में कहा कि यह सोशल मीडिया मंच कमजोर साइबर सुरक्षा, निजता के खतरों और लाखों फर्जी खातों को नियंत्रित करने की असमर्थता से जूझ रहा है। जानेमाने साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ पीटर एम जेटको अपने आरोपों पर दलील पेश करने के लिए सीनेट की न्यायिक समिति के समक्ष पेश हुए थे। उन्होंने कहा कि ट्विटर जनता, सांसदों और नियामकों को गुमराह कर रहा है तथा यह मंच उद्योगों के सर्वश्रेष्ठ मानदंड से एक दशक से अधिक पीछे है।

ट्विटर, यूजर्स की डाटा की रक्षा नहीं कर सकता 

उन्होंने कहा, ‘‘वे नहीं जानते कि क्या डाटा उनके पास है, वे कहा हैं और कहां से आते जाते हैं, आश्चर्यजनक रूप से वे उनकी रक्षा नहीं कर सकते।’’ जेटको ने कहा, ‘‘यह हम सभी के लिए बड़ी बात है। अगर ताले ही नहीं हैं तो इस बात का कोई मतलब नहीं रह जाता कि चाबियां किसके पास हैं।’’

ट्विटर ने जानबूझकर भारत सरकार को अपने एजेंटों को कंपनी में रखने की अनुमति दी

उन्होंने आरोप लगाया कि ट्विटर के नेतृत्व ने इस पहलु को नजर अंदाज किया क्योंकि उसके कार्यकारी सुरक्षा से अधिक मुनाफे को तरजीह देते हैं। मंगलवार को सांसदों का ध्यान आकर्षित करने वाले जेटको के दावों में यह भी था कि ट्विटर ने जानबूझकर भारत सरकार को अपने एजेंटों को कंपनी में रखने की अनुमति दी, जहां उनकी पहुंच उपयोगकर्ताओं के अत्यधिक संवेदनशील डेटा तक थी। जेटको ने दावा किया कि वह ‘उच्च आत्मविश्वास’ के साथ एक विदेशी एजेंट के बारे में बोल रहे हैं जिसे भारत सरकार ने ट्विटर में भारत की सत्तारूढ़ पार्टी और ट्विटर के बीच नए सोशल मीडिया प्रतिबंधों को लेकर ‘‘बातचीत को समझने’’ तथा यह बातचीत कितने अच्छे से चल रही है यह जानने के लिये रखवाया था।

चीनी खुफिया सेवा एमएसएस का ‘ कम से कम एक एजेंट’ ट्विटर कर्मचारी था

उन्होंने मंगलवार को खुलासा किया कि उन्हें निकालने से पहले बताया गया कि चीनी खुफिया सेवा एमएसएस या राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्रालय का ‘ कम से कम एक एजेंट’ ट्विटर कर्मचारी था। उन्होंने ट्विटर के मौजूदा सीईओ पराग अग्रवाल से हुई बातचीत को याद करते हुए कहा कि वह उनसे रूस के बारे में हुई बातचीत को लेकर ‘चकित और स्तब्ध थे क्योंकि उस समय कंपनी के मुख्य तकनीकी अधिकारी होने के नाते उन्होंने पूछा था कि क्या रूसी सरकार के लिए निगरानी व सामग्री को छांटने पर ‘दांव’ लगाना संभव होगा क्योंकि ट्विटर के पास ऐसी चीजों को सही तरीके से करने की क्षमता और साधन नहीं हैं।

जेटको के दावे से बढ़ी हलचल

उन्होंने जुलाई में कांग्रेस, न्याय विभाग, फेडरल ट्रेड कमीशन तथा सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन में व्हिसलब्लोअर के रूप में शिकायत की थी। उनका सबसे गंभीर आरोप है कि ट्विटर ने 2011 के एक एफटीसी समझौते की शर्तों का उल्लंघन किया था और झूठा दावा किया कि उसने अपने उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा एवं निजता की रक्षा के लिए मजबूत कदम उठाये थे। न्यायिक समिति के प्रमुख और इलिनॉइस के डेमोक्रेट सीनेटर डिक डर्बिन ने कहा कि जेटको के पास उन खामियों के बारे में विस्तार से जानकारी है जो ट्विटर के लाखों उपयोगकर्ताओं को तथा अमेरिकी लोकतंत्र को सीधा खतरा पहुंचा सकती हैं। जेटको के दावे ट्विटर को खरीदने के लिए टेस्ला मालिक एलन मस्क के 44 अरब डॉलर के सौदे से पीछे हटने के प्रयासों को भी प्रभावित कर सकते हैं। 

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