नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने BSNL के लिए 1.64 लाख करोड़ रुपये के पुनरुद्धार पैकेज को मंजूरी दी है। मंत्रिमंडल ने बीएसएनएल और भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड (बीबीएनएल) के विलय को भी मंजूरी दी है।
यह परियोजना सुदूर और दुर्गम क्षेत्रों के 24,680 अछूते गांवों में 4जी मोबाइल सेवाएं प्रदान करेगी। परियोजना में 20% अतिरिक्त गांवों को शामिल करने का प्रावधान है। इसके अलावा, केवल 2जी/3जी कनेक्टिविटी वाले 6,279 गांवों को 4जी में अपग्रेड किया जाएगा।
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि अभी तक ज़िले से ब्लॉक तक का नेटवर्क BSNL प्रबंधित करता है और ब्लॉक से पंचायत तक का नेटवर्क BBNL प्रबंधित करता है। दोनों में समन्वय में दिक्कत ना आए और BSNL के पुनरुद्धार के लिए BBNL और BSNL के विलय को मंजूरी दी।
केंद्रीय संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि दूरसंचार अपने पुराने मुद्दों को पीछे छोड़कर एक सूर्योदय उद्योग बन रहा है। 5जी की निलामी में जिस तरह से भागेदारी हुई है वो स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि दूरसंचार उधोग आगे बढ़ेगा, विकसित होगा और नए रोजगार सृजन करेगा।
दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए फैसले के बारे में पत्रकारों को बताया कि सरकार बीएसएनएल को 4जी सेवाओं की पेशकश करने के लिए स्पेक्ट्रम आवंटित करेगी। वैष्णव ने कहा कि बीएसएनएल के 33,000 करोड़ रुपये के वैधानिक बकाये को इक्विटी में बदला जाएगा।
साथ ही कंपनी इतनी ही राशि (33,000 करोड़ रुपये) के बैंक कर्ज के भुगतान के लिये बॉन्ड जारी करेगी। उन्होंने बताया कि पैकेज में 43,964 करोड़ रुपये का नकद हिस्सा शामिल है। पैकेज के तहत 1.2 लाख करोड़ रुपये गैर-नकद रूप में चार साल के दौरान दिए जाएंगे। मंत्री ने कहा कि 4जी सेवाओं की पेशकश के लिए बीएसएनएल को स्पेक्ट्रम का प्रशासनिक आवंटन किया जाएगा।
इसके तरह 900/1800 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम का आवंटन इक्विटी निवेश के जरिये किया जाएगा, जिसकी लागत 44,993 करोड़ रुपये होगी। उन्होंने कहा कि सरकार 4जी प्रौद्योगिकी स्टैक विकसित करने के लिए अगले चार साल के दौरान 22,471 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय करेगी।
इसके अलावा सरकार बीएसएनएल को 2014-15 से 2019-20 के दौरान व्यावसायिक रूप से अव्यवहार्य ग्रामीण वायरलाइन संचालन के लिए 13,789 करोड़ रुपये देगी। उन्होंने कहा कि भारतनेट के तहत स्थापित बुनियादी ढांचे के व्यापक उपयोग के लिए बीबीएनएल का बीएसएनएल में विलय किया जाएगा।
भारतनेट के तहत बना बुनियादी ढांचा एक राष्ट्रीय संपत्ति बना रहेगा, जो सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को बिना किसी भेदभाव के उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश के दूरदराज के गांवों में 4जी मोबाइल सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए 26,316 करोड़ रुपये की कुल लागत वाली एक परियोजना को भी मंजूरी दी है।
(इनपुट एजेंसी)