बिंगम्टन यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च टीम ने एक कपड़े पर आधारित बैक्टीरिया से चार्ज होने वाली बायो-बैटरी बनाई है। इस बैटरी को भविष्य में पहने जा सकने वाले इलेक्ट्रॉनिक्स के साथ जोड़ा जा सकता है। यूनिवर्सिटी के इलेक्ट्रिकल ऐंड कंप्यूटर साइंस के असिस्टेंट प्रफेसर सिओकें चोई के नेतृत्व में एक टीम ने कपड़े पर एक बायो बैटरी बनाई है जो कागज पर आधारित माइक्रोबियल फ्यूल सेल के बराबर अधिकतम ऊर्जा पैदा कर सकती है।
इसके साथ ही बार-बार खींचे और मोड़े जाने के बाद भी ये बायो बैटरी लगातार बिजली पैदा करने की क्षमता रखती हैं बैटरी और एंजाइम आधारित फ्यूल सेल की तुलना में माइक्रोबियल फ्यूल सेल पहने जा सकने वाले इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए सबसे अच्छे पावर सॉर्स हो सकते हैं क्योंकि ऐसे सेल लंबे समय तक बायॉकैटलिस्ट के तौर पर ऊर्जा प्रदान कर सकते हैं। ऐसे सेल्स के लिए मानव शरीर से निकलने वाला पसीना फ्यूल का काम कर सकता है क्योंकि उसमें ऊर्जा पैदा करने के लिए जरूरी बैक्टीरिया मिल सकते हैं।