भारत सरकार कई चाइनीज ऐप्स पर बैन लगा चुकी है। इनमें टिक टॉक, यूसी ब्राउजर, हेलो और शेयर-इट जैसे ऐप्स शामिल हैं। सरकार ने इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IT) एक्ट की धारा-69A के तहत इन ऐप्स पर बैन लगाया है। ऐसे में इन ऐप्स का इस्तेमाल कर रहे यूजर्स अब दूसरे एप्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस बीच ऐसी खबरें भी आ रही थी कि सरकार द्वारा बैन किए गए एप्स का इस्तेमाल करने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा।
इतने सारे ऐप्स बैन होने के बाद भी यूजर्स के पास अभी भी बहुत सारे विकल्प हैं। जुर्माना लगाए जाने वाली बात पर अब सरकार ने अपना पक्ष रखा है। सरकार ने कहा कि टिक टॉक, यूसी ब्राउजर या अन्य जैसे मोबाइल ऐप के व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं के लिए कोई जुर्माना या सजा नहीं है। यह महज बस एक अफवाह है कि ऐसे लोगों को जुर्माना भरना पड़ेगा।
हालांकि, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69 ए के तहत मान्यता प्राप्त कुछ आदेशों के पालन नहीं करने पर जुर्माना लगाया जा सकता है। कुछ दिन पहले लॉ स्टूडेंट प्रसून शेखर ने आरटीआई के जरिए सवाल पूछा था। जिसका जवाब आईटी मंत्रालय ने दिया है। आरटीआई के जवाब में मंत्रालय ने कहा "MeitY किसी भी वेबसाइट / मोबाइल एप्लिकेशन / सेवा को शुरू करने की अनुमति नहीं देता है।
2000 की धारा 69 ए के प्रावधानों के तहत निर्दिष्ट ऐप्स को अवरुद्ध किया गया था। अधिनियम की धारा 69A में अवरोधक आदेश का पालन न करने पर बिचौलियों को दंड का प्रावधान है। प्रसून शेखर ने सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत अपने आवेदन में ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने का कारण सहित कई बातों की जानकारी मांगी थी।
देश में 59 मोबाइल ऐप्स हैं बैन
भारत सरकार ने देश में 59 मोबाइल ऐप्स को बैन कर दिया है। इस लिस्ट में Tik Tok, UC ब्राउजर समेत कई चाइनीज ऐप शामिल हैं, कहा गया है कि ये ऐप भारत की संप्रभुता और अखंडता, भारत की रक्षा, राज्य की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए हानिकारक हैं, प्रतिबंधित किए गए ऐप्स की लिस्ट इस तरह है। मंत्रालय ने बयान में कहा कि विभिन्न सूत्रों से कई शिकायतें और रिपोर्ट मिलीं कि एंड्रॉयड और आईओएस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कुछ मोबाइल ऐप्स का गलत इस्तेमाल हो रहा है. इन ऐप्स के माध्यम से यूजर्स का डेटा चुराकर अनाधिकृत तरीके से भारत से बाहर स्थित लोकेशंस पर भेजा जा रहा है। मंत्रालय ने आईटी एक्ट एंड रूल्स के सेक्शन 69A के तहत अपनी पावर का इस्तेमाल करते हुए 59 ऐसे ऐप्स को बैन करने का फैसला लिया है।