महिलाएं को नहीं है नारियल फोड़ने का अधिकार, इसके पीछे है आध्यात्मिक और वैज्ञानिक कारण

By धीरज पाल | Published: March 9, 2018 01:39 PM2018-03-09T13:39:38+5:302018-03-09T13:39:38+5:30

नारियल पृथ्वी पर सबसे शुद्ध फलों में एक माना गया है और यह भगवान गणेश को समर्पित है। मान्यता है कि भगवान को मिठाई में मोदक और फल में नारियल पसंद है।

Why women are not allowed to break coconut in hindu culture | महिलाएं को नहीं है नारियल फोड़ने का अधिकार, इसके पीछे है आध्यात्मिक और वैज्ञानिक कारण

महिलाएं को नहीं है नारियल फोड़ने का अधिकार, इसके पीछे है आध्यात्मिक और वैज्ञानिक कारण

अक्सर आपको हिन्दू मंदिरों या धार्मिक स्थलों के आसपास लगी पूजा-पाठ की सामाग्री की दुकानों पर नारियल जरूर दिख जाएगा। नारियल हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। किसी शुभ कार्य से पहले नारियल फोड़ा जाता है, इसके अलावा पूजा-पाठ के दौरान इसे भगवान को अर्पित भी किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि किसी भी शुभ कर्म को प्रारंभ करने से पहले नारियल फोड़ना चाहिए। इसलिए हिन्दू धर्म में लोग सड़क, भवन आदि के निर्माण से पहले या घर में नए वाहन के आगमन पर नारियल जरूर फोड़ते हैं।

लेकिन क्या कभी आपने गौर किया है कि केवल पुरुष ही नारियल फोड़ते हैं, महिलाएं नहीं। ऐसा क्यों होता है, क्या इसके पीछे कोई वजह है? मान्यताओं के मुताबिक आज भी हिंदू धर्म में ऐसे कई कर्म हैं जिनसे महिलाओं को दूर रखा जाता है। उन्हें ये कार्य करने की अनुमति नहीं दी जाती है। इसी तरह से महिलाओं का नारियल फोड़ना भी वर्जित माना जाता है। कहा जाता है कि महिलाओं को नारियल नहीं फोड़ना चाहिए। ऐसा करने से वे दोष की भागीदार मानी जाती हैं।  

शुभ कार्यों में क्यों फोड़ा जाता है नारियल

प्राचीन काल से ही हिंदू धर्म में नारियल फोड़ने का रिवाज है। नारियल पृथ्वी पर सबसे शुद्ध फलों में एक माना गया है और यह भगवान गणेश को समर्पित है। भगवान को मिठाई में मोदक और फल में नारियल भाता है। माना जाता है कि नारियल के निर्माता ऋषि विश्वामित्र हैं। इसकी बाहरी सख्त परत सफलता प्राप्त करने हेतु कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित करती है। इसलिए ऐसा माना जाता है कि शुभ कार्य से पहले यदि नारियल फोड़ा जाए तो सफलता अवश्य हाथ लगती है।

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नारियल को फोड़ना अहंकार को तोड़ने का भी प्रतीक माना जाता है। नारियल मानव शरीर को दर्शाता है और इसे फोड़ना आत्मसमर्पण और ब्राह्म या सर्वोच्च आत्मा के साथ विलय का प्रतीक है। ऐसी ही कई सारी मान्यताएं हैं जिसके कारण हिन्दू धर्म में नारियल फोड़ा जाता है।

इसलिए महिलाओं को नहीं फोड़ना चाहिए नारियल

हिन्दू धर्म में नारियल को बीज का स्वरूप माना गया है। अक्सर आपने जरूर देखा होगा कि नारियल के बीज को किसी बर्तन में रखकर उसे रोजाना जल से अर्घ्य दिया जाता है। इसलिए इसे उत्पादन से जोड़कर देखा गया है। स्त्रियां संतान उत्पत्ति की कारक होती है इसलिए उनके लिए नारियल फोड़ना वर्जित कर्म माना गया है। ऐसा करने वाली महिलाओं को संतान उत्पत्ति या संतान सुख से वंचित होना पड़ सकता है।

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दूसरा कारण ये भी है कि नारियल फोड़ना बलि का प्रतीक है, जो कि हिंदू धर्म में ऐसा केवल पुरूष ही कर सकते हैं। इसके साथ ही महिलाओं को नारियल का पानी देवी-देवताओं की प्रतिमाओं पर छिड़कने से बचना चाहिए। ये कार्य पुरूष से ही करवाना चाहिए।

ये है किंवदंती 

महिलाओं को नारियल फोड़ने के पीछे एक किंवदंती है। किंवदंती के मुताबिक जब भगवान विष्णु ने पृथ्वी पर अपना अवतार लिया था। तब वह अपने साथ सिर्फ तीन चीजें साथ लेकर आए थे। जिनमें उनकी धर्मपत्नी मां लक्ष्मी, नारियल का पेड़ और कामधेनु। इसलिए नारियल का पूजा में काफी महत्व है। ऐसा भी कहा जाता है कि नारियल का वृक्ष श्रीफल होता है।

Web Title: Why women are not allowed to break coconut in hindu culture

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