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Solar Eclipse: आग के अंगूठी जैसा नजर आयेगा आज सूर्य, 296 साल बाद लगने जा रहा है ऐसा दुर्लभ खंडग्रास सूर्य ग्रहण

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 26, 2019 10:32 IST

Solar Eclipse: सूर्य ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले से शुरू हो जाता है। ऐसे में इस सूर्य ग्रहण का भी सूतक 25 दिसंबर की रात 8 बजे से शुरू हो चुका है।

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ठळक मुद्देSolar Eclipse: आज वलयाकार सूर्य ग्रहण, साल का ये आखिरी ग्रहणयह खंडग्रास सूर्य ग्रहण होगा जो 296 साल बाद कई दुर्लभ ग्रह स्थिति में पड़ रहा है

Solar Eclipse: इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर, गुरुवार को लगने जा रहा है। सूर्य ग्रहण सुबह 8.17 बजे से शुरू होगा और इसकी अवधि 2 घंटे 40 मिनट की होगी। ग्रहण का मोक्ष सुबह 10 बजकर 57 मिनट होगा। इस ग्रहण को भारत में देखा जा सकता है। ये वलयाकार सूर्य ग्रहण है। वलयाकार सूर्य ग्रहण में सूरज पूरी तरह चांद से ढक जाने के बावजूद किसी अंगूठी की तरह नजर आता है। सूर्य ग्रहण आमतौर पर किसी भी चंद्रग्रहण के दो हफ्ते पहले लगता है। चंद्र ग्रहण साल 2020 में 10 जनवरी को लगने जा रहा है।

Solar Eclipse: 296 साल बाद ऐसा सूर्य ग्रहण

यह खंडग्रास सूर्य ग्रहण होगा जो 296 साल बाद कई दुर्लभ ग्रह स्थिति में पड़ रहा है। चांद इस ग्रहण के दौरान सूर्य को करीब 97 प्रतिशत तक ढक लेगा। किसी सामान्य सूर्य ग्रहण के अनुपात में इसका प्रभाव ज्यादा तीव्र हो सकता है। जानकारों के अनुसार ऐसा इसलिए क्योंकि इस ग्रहण के समय सूर्य, चंद्रमा, शनि, बुध, गुरु और केतु ग्रह धनु राशि पर हैं। इस ग्रहण में सूर्य आग की अंगूठी जैसा नजर आएगा। दरअसल, चांद जब पृथ्वी और सूर्य के बीच पूरी तरह आ जाएगा, तो भी सूर्य का बाहरी गोलाकार हिस्सा नजर आता रहेगा। ऐसे में सूर्य किसी छल्ले जैसा लगेगा। ऐसा दुर्लभ सूर्यग्रहण 296 साल पहले सात जनवरी, 1723 को लगा था।

Solar Eclipse: सूतक काल शुरू 

सूर्य ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले से शुरू हो जाता है। ऐसे में इस सूर्य ग्रहण का भी सूतक 25 दिसंबर की रात 8 बजे से शुरू हो चुका है। सूतक में किसी भी शुभ कार्य की मनाही होती है। साथ ही पूजा-पाठ भी नहीं करना चाहिए। मंदिर के पट बंद कर दिये जाते हैं और भगवान की मूर्ति भी नहीं छूनी चाहिए।

यही नहीं, हिंदू मान्यताओं के अनुसार ग्रहण के दौरान कुछ खाना-पीना भी नहीं चाहिए। भोजन पकाने की भी मनाही होती है। हालांकि गर्भवती स्त्री, बच्चे या बीमार व्यक्ति जरूरत पड़ने पर वैसा भोजन कर सकते हैं, जिस पर तुलसी का पता रखा गया हो।

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