हर महीने भगवान शिव को समर्पित प्रदोष व्रत आता है। शास्त्रों में एकादशी को भगवान विष्णु, तो प्रदोष को शिव की पूजा करने का महत्व है। इसे करने से भगवान शिव अपने साधक को विभिन्न फल प्रदान करते हैं। यह व्रत अगर शनिवार के दिन आए, तो इसे शनि प्रदोष व्रत कहा जाता है। इसका व्रत करने से साधक को शिव के साथ भगवान शनि की भी कृपा प्राप्त होती है। आज यानी 19 जनवरी, 2019 को शनि प्रदोष व्रत है।
क्यों करें शनि प्रदोष व्रत?
जिन लोगों की कुंडली में शनि की बुरी दशा चल रही है, शनि साढ़ेसाती हो या ढैय्या का कहर हो, उनकी कुंडली में शनि संबंधी दोष हो, उन्हें शनि प्रदोष का व्रत अवश्य करना चाहिए। ऐसा करने से शनि देव साधक से प्रसन्न होते हैं और कुंडली दोष शांत हो जाते हैं।
शनि प्रदोष पर करें ये उपाय
- शनि प्रदोष के दिन सुबह जल्दी उठाकर स्नान करेक साफ सुथरे कपड़े पहनकर तैयार हो जाना चाहिए- तैयार होते ही शनि देव की पूजा अर्चना करनी चाहिए। ऐसा करने से दिन की शुरुआत शुभ होती है एवं पूरे दिन शनि की कृपा बनी रहती है- पूजा के बाद शनि प्रदोष व्रत का स्नाकल्प लें और पूरा दिन फलाहार का सेवन करते हुए शनि प्रदोष का व्रत करें- शनि प्रदोष के दिन दशरथकृत शनि स्तोत्र का पाठ करें। ऐसा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और जीवन के कष्टों को कम करते हैं- इसके अलावा शनि चालीसा, शनैश्चरास्तवराजः का पाठ भी कर सकते हैं। यह शनि के प्रभावी पाठों में से एक हैं- चूंकि यह शनिवार को पढने वाला प्रदोष व्रत है तो इसदिन शिव उपासना भी अवश्य करें। सुबह शनि के साथ भगवान शिव की भी पूजा करें- दिन के समय कभी भी शिव चालीसा का पाठ करें। ऐसा करने से भोलेशंकर की साधक पर कृपा होती है
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शनि प्रदोष व्रत/प्रदोष व्रत करने के लाभ:
-प्रदोष व्रत करने वाले साधक के जीवन के कष्ट कम हो जाते हैं। जीवन में आने वाली रुकावटों में कमी आती है- वे लोग जो संतान के सुख से वंचित हों उन्हें हर माह प्रदोष व्रत करना चाहिए। पूरे मन से शिव की पूजा-अर्चना करनी चाहिए- शनि प्रदोष व्रत करने वाले साधक को शनि की साढ़ेसाती और शनि ढैय्या से मिलने वाले कष्टों से राहत मिलती है- कुंडली में यदि शनि की दशा चल रही हो और हर काम में रुकावट आ रही हो तो शनि प्रदोष व्रत करना चाहिए। शनि कृपा से कष्ट दूर होते हैं- प्रदोष व्रत में 'प्रदोष काल' के समय शिव की पूजा करने से मन की हर मुराद पूरी होती है