लाइव न्यूज़ :

Sarv Pitru Amavasya 2021: सर्वपितृ अमावस्या कल, होगा श्राद्ध का समापन, इस विधि से करें पितरों का श्राद्ध

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 5, 2021 12:07 IST

इस बार सर्व पितृ अमावस्या के दिन 11 सालों बाद गजछाया योग का निर्माण हो रहा है। इसमें सूर्य और चंद्रमा दोनों ही हस्त नक्षत्र में होंगे। सर्व पितृ अमावस्या का दिन पितृजनों का तर्पण और पिंडदान करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाती है।

Open in App
ठळक मुद्देसर्व पितृ अमावस्या का दिन पितृजनों का तर्पण और पिंडदान करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाती है। सर्व पितृ अमावस्या का दिन पितरों की विदाई का दिन है।

सर्व पितृ अमावस्या 6 अक्टूबर, बुधवार को है। हिन्दू शास्त्रों में आश्विन अमावस्या को सर्व पितृ अमावस्या, पितृ अमावस्या या महालय अमावस्या कहते हैं। यह श्राद्ध पक्ष का अंतिम दिन होता है। मान्यता है कि श्राद्ध पक्ष में हमारे दिवंगत परिजन धरती में विचरण करने आते हैं और आश्विन माह की अमावस्या के दिन पुनः परलोक चले जाते हैं। एक प्रकार से सर्व पितृ अमावस्या का दिन पितरों की विदाई का दिन है। 

बन रहा है गजछाया योग

इस बार महालय अमावस्या के दिन शुभ योग बन रहा है। इस बार सर्व पितृ अमावस्या के दिन 11 सालों बाद गजछाया योग का निर्माण हो रहा है। इसमें सूर्य और चंद्रमा दोनों ही हस्त नक्षत्र में होंगे। सर्व पितृ अमावस्या का दिन पितृजनों का तर्पण और पिंडदान करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाती है। 

सर्व पितृ अमावस्या का शुभ मुहूर्त

अमावस्या तिथि प्रारंभ : 5 अक्टूबर को शाम 07 बजकर 04 मिनट सेअमावस्या तिथि समाप्त : 6 अक्टूबर को शाम 04 बजकर 34 मिनट तकश्राद्ध करने का शुभ समय : 6 अक्टूबर को दिन में 11 बजे से लेकर दोप​हर 2:30 बजे तक 

इस विधि से करें पितरों का श्राद्ध

इस दिन प्रातः उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। अब श्राद्ध के लिए सात्विक भोजन तैयार करें। पकवान में से थोड़ा-थोड़ा भोजन निकाल कर एक थाली में लगाएं। अब अपने घर के आंगन में या छत पर जाकर पत्तल को दोनों में भोजन को जल के साथ रखें। अब पितरों से उसे ग्रहण करने का आग्रह करें और किसी भी त्रुटि के लिए उनसे क्षमा मांगे। शाम के समय सरसों के तेल के दीपक जलाकर चौखट पर रखें। अब पितरों से आशीर्वाद बनाए रखने और परलोक लौटने का आग्रह करें।

इस दिन किन पितरों का होता है श्राद्ध

इस दिन उन पितरों का भी श्राद्ध किया जाता है, जिनकी मृत्यु तिथि ज्ञात नहीं होती है। इस दिन विधि-विधान से पितरों का तर्पण करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है। 

टॅग्स :पितृपक्षहिंदू त्योहार
Open in App

संबंधित खबरें

पूजा पाठMargashirsha Purnima 2025 Date: कब है मार्गशीर्ष पूर्णिमा? जानिए तिथि, दान- स्नान का शुभ मुहूर्त, चंद्रोदय का समय और महत्व

पूजा पाठDecember Vrat Tyohar 2025 List: गीता जयंती, खरमास, गुरु गोबिंद सिंह जयंती, दिसंबर में पड़ेंगे ये व्रत-त्योहार, देखें पूरी लिस्ट

पूजा पाठVivah Panchami 2025: विवाह पंचमी 25 नवंबर को, वैवाहिक जीवन में प्रेम बढ़ाने के लिए इस दिन करें ये 4 महाउपाय

भारतदरगाह, मंदिर और गुरुद्वारे में मत्था टेका?, बिहार मतगणना से पहले धार्मिक स्थल पहुंचे नीतीश कुमार, एग्जिट पोल रुझान पर क्या बोले मुख्यमंत्री

पूजा पाठKartik Purnima 2025: कार्तिक पूर्णिमा आज, जानें महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 06 December 2025: आज आर्थिक पक्ष मजबूत, धन कमाने के खुलेंगे नए रास्ते, पढ़ें दैनिक राशिफल

पूजा पाठPanchang 06 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 05 December 2025: आज 4 राशिवालों पर किस्मत मेहरबान, हर काम में मिलेगी कामयाबी

पूजा पाठPanchang 05 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठPanchang 04 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय