Pitru Paksha 2022 Date: इस माह शुरू होने वाले हैं श्राद्ध पक्ष, जानें तिथि, तर्पण विधि और महत्व

By रुस्तम राणा | Updated: September 3, 2022 14:08 IST2022-09-03T14:08:11+5:302022-09-03T14:08:11+5:30

इस साल 10 सितंबर, भादो पूर्णिमा से पितृ पक्ष आरंभ हो रहा है और 25 सितंबर, आश्विन अमावस्या (सर्व पितृ अमावस्या) के दिन समाप्त होगा। 

Pitru Paksha 2022 Date muhurat timing shradh vidhi and significance | Pitru Paksha 2022 Date: इस माह शुरू होने वाले हैं श्राद्ध पक्ष, जानें तिथि, तर्पण विधि और महत्व

Pitru Paksha 2022 Date: इस माह शुरू होने वाले हैं श्राद्ध पक्ष, जानें तिथि, तर्पण विधि और महत्व

Highlights इस साल 10 सितंबर, भादो पूर्णिमा से पितृ पक्ष आरंभ हो रहा हैजो 25 सितंबर, आश्विन अमावस्या (सर्व पितृ अमावस्या) के दिन समाप्त होगा पौराणिक शास्त्रों के अनुसार पितृ ऋण को चुकाने के लिए किए जाते हैं श्राद्ध

Pitru Paksha 2022: इस माह पितृ पक्ष प्रारंभ होने जा रहा है। हिन्दू धर्म में पितृ पक्ष में पड़ने वाली तिथियां पितरों की तृप्ति के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। इन तिथियों में पितरों के निमित्त श्राद्ध कर्म किए जाते हैं। पितृ ऋण चुकाने के लिए शास्त्रों में श्राद्ध कर्म करने का विधान बताया गया है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद पूर्णिमा से पितृ पक्ष प्रारंभ होता है, जो आश्विन मास की अमावस्या तक चलता है। इस साल 10 सितंबर, भादो पूर्णिमा से पितृ पक्ष आरंभ हो रहा है और 25 सितंबर, आश्विन अमावस्या (सर्व पितृ अमावस्या) के दिन समाप्त होगा। 

पितृ पक्ष 2022 तिथि 

पूर्णिमा का श्राद्ध/ प्रतिपदा का श्राद्ध- 10 सितंबर, शनिवार 
द्वितीया  का श्राद्ध-11 सितंबर, रविवार 
तृतीया का श्राद्ध- 12 सितंबर, सोमवार 
चतुर्थी का श्राद्ध- 13 सितंबर, मंगलवार 
पंचमी का श्राद्ध- 14 सितंबर, बुधवार  
षष्ठी का श्राद्ध- 15 सितंबर, बृहस्पतिवार 
सप्तमी का श्राद्ध-16 सितंबर, शुक्रवार  
अष्टमी का श्राद्ध-18 सितंबर, शनिवार 
नवमी श्राद्ध- 19 सितंबर, रविवार 
दशमी का श्राद्ध- 20 सितंबर, सोमवार 
 एकादशी का श्राद्ध- 21 सितंबर, मंगलवार 
द्वादशी/संन्यासियों का श्राद्ध- 22 सितंबर, बुधवार 
त्रयोदशी का श्राद्ध- 23 सितंबर, बृहस्पतिवार 
 चतुर्दशी का श्राद्ध- 24 सितंबर, शुक्रवार 
अमावस्या का श्राद्ध, सर्वपितृ अमावस्या- 25 सितंबर, शनिवार

तर्पण की विधि

सबसे पहले पितरों का तर्पण करने हेतु उन्हें जल दें। 
समस्त तर्पण सामग्री लेकर दक्षिण की ओर मुख करके बैठें। 
हाथ में जल, कुशा, अक्षत, पुष्प और काले तिल लेकर दोनों हाथ जोड़कर पितरों का ध्यान कर उन्हें आमंत्रित करें। 
इस दौरान अपने पितरों से आग्रह करें कि मेरे दिए जल और भोजन को ग्रहण करें। 
अंत में जल पृथ्वी पर 5-7 या 11 बार अंजलि से गिराएं।
ब्राह्मणों को भोजन कराने से पूर्व गाय, कुत्ते और चींटी के लिए भोजन निकाल लें।

श्राद्ध कर्म का महत्व

हिन्दू धर्म में किए जाने वाले श्राद्ध से जुड़े कर्मकांड, तर्पण आदि ये सभी पितृ ऋण को चुकाने के लिए किए जाते हैं। शास्त्रों में पितरों को देवतुल्य माना गया है और हम उन्हीं की संतति हैं। उन्हीं के कारण हमारा अस्तित्व है। उन्होंने हमारा लालन-पालन कर हमें कृतार्थ किया है। हम उनके सदैव ऋणी हैं और इसी पितृ ऋण की मुक्ति के लिए ही श्राद्ध किया जाता है। गरुड़ पुराण में श्राद्ध कर्म के लाभ बताते हुए यह कहा गया है कि  श्राद्ध करने से कुल में कोई दुखी नहीं रहता है। पितरों के निमित्त तर्पण से घर में सुख-वैभव और संपन्नता आती है।

Web Title: Pitru Paksha 2022 Date muhurat timing shradh vidhi and significance

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