पितृ पक्ष 2018: 25 सितंबर से आरंभ हो रहा 16 दिनों का श्राद्ध पक्ष, जानें कब करें किस मृत परिजन का श्राद्ध

By गुलनीत कौर | Updated: September 19, 2018 08:03 IST2018-09-19T08:03:50+5:302018-09-19T08:03:50+5:30

शास्त्रानुसार प्रत्येक सनातन धर्मी को इस पक्ष में प्रतिदिन मध्यान्ह व्यापिनी तिथि को ध्यान में रखते हुए अपने पूर्वजों की संतुष्टि के लिए श्राद्ध एवं तर्पण करना चाहिए।

Pitru Paksha 2018: Important dates, significance of shradh paksha 2018 | पितृ पक्ष 2018: 25 सितंबर से आरंभ हो रहा 16 दिनों का श्राद्ध पक्ष, जानें कब करें किस मृत परिजन का श्राद्ध

पितृ पक्ष 2018: 25 सितंबर से आरंभ हो रहा 16 दिनों का श्राद्ध पक्ष, जानें कब करें किस मृत परिजन का श्राद्ध

पितृ पक्ष, पितृ दोष से मुक्ति प्राप्त करने का सर्वोत्तम समय होता है। इस पक्ष में सही समय पर श्रद्धा भाव से किया गया श्राद्ध कर्म व्यक्ति के जीवन मे खुशियों का अंबार ला सकता है। इस साल 25 सितंबर से पितृ पक्ष प्रारंभ है जो कि 16 दिनों तक चलेगा और 8 अक्टूबर को अंतिम श्राद्ध है।

शास्त्रानुसार प्रत्येक सनातन धर्मी को इस पक्ष में प्रतिदिन मध्यान्ह व्यापिनी तिथि को ध्यान में रखते हुए अपने पूर्वजों की संतुष्टि के लिए श्राद्ध एवं तर्पण अवश्य करना चाहिए। पृथ्वी लोक में माता पिता एवं पितृ साक्षात देवता है अतः उनकी आत्मा की शांति के लिए आश्विन कृष्ण पक्ष में श्रद्धा विश्वास एवं उत्साह के साथ मनाना चाहिए। जिस दिन अर्थात जिस तिथि पर पूर्वजों की मृत्यु हुई हो उसी तिथि को श्राद्ध कर्म किये जाने का प्रावधान शास्त्रो में प्राप्त होता है।

इस वर्ष स्नान दान के लिए भाद्र शुक्ल पक्ष पूर्णिमा का मान 25 सितम्बर 2018 दिन मंगलवार को होगा । साथ ही मध्यान्ह काल मे कृष्ण पक्ष प्रतिपदा तिथि मिलने के कारण प्रतिपदा का श्राद्ध तर्पण आदि दिन में 7 बजकर 41 मिनट से प्रारम्भ हो जाएगा। क्योकि इस दिन सुबह 7 बजकर 41 मिनट तक ही पूर्णिमा तिथि व्याप्त रहेगी तत्पश्चात आश्विन कृष्ण पक्ष प्रतिपदा तिथि लग जायेगी। यद्यपि की उदया तिथि के दृष्टि से पितृ पक्ष अर्थात आश्विन कृष्ण पक्ष 26 सितम्बर से प्रारंभ हो रही है परन्तु मध्यान्ह काल मे प्रतिपदा मिलने से प्रतिपदा का श्राद्ध 25 को ही होगा। 

*द्वितीया का श्राद्ध 26 सितम्बर को होगा* क्योंकि 26 सितम्बर को दिन में 08 बजकर 24 मिनट से द्वितीया तिथि लगेगी अतः द्वितीया का श्राद्ध 26 सितम्बर बुधवार को होगा।

*तृतीया तिथि का श्राद्ध 27 सितंबर को होगा* क्योंकि दिन में 08बजकर 35 मिनट से तृतीया तिथि लग जा रही है अतः तृतीया का श्राद्ध 27 सितम्बर दिन गुरुवार को होगा।

ये भी पढ़ें: शास्त्रों के अनुसार भगवान को रोजाना अर्पित करें ये एक चीज, कट जाएंगे सभी दुख-दर्द

*चतुर्थी तिथि का श्राद्ध28 सितम्बर को होगा* क्योंकि दिन में 08बजकर13 मिनट से चतुर्थी तिथि लग जा रही है अतः चतुर्थी का श्राद्ध 28 सितम्बर दिन शुक्रवार को होगा । *इसी दिन संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी का व्रत भी होगा।*

*पंचमी तिथि का श्राद्ध 29 सितम्बर को होगा* क्योंकि दिन में सुबह 07बजकर 24 मिनट से पंचमी तिथि लग जा रही है अतः पंचमी का श्राद्ध 29 सितम्बर दिन शनिवार को होगा। 

*षष्ठी तिथि का श्राद्ध 30 सितम्बर को होगा* क्योंकि सुबह 06बजकर 08 मिनट से भोर में 4 बजकर 31मिनट तक षष्ठी तिथि रहेगी है अतः षष्ठी का श्राद्ध 30 सितम्बर दिन रविवार को होगा। यद्यपि की उदय कालिक तिथि नही मिलने के कारण षष्ठी तिथि का क्षय हो रहा है। परन्तु मध्यान्ह में षष्ठी तिथि 30 सितम्बर को प्राप्त हो रही है अतः षष्ठी का श्राद्ध 30 सितम्बर को होगा।

*सप्तमी तिथि का श्राद्ध 1 अक्टूबर को होगा* क्योंकि सूर्योदय से दिन भर रहते हुए रात में 2 बजकर 34 मिनट तक सप्तमी तिथि व्याप्त रहेगी अतः सप्तमी का श्राद्ध 01 अक्टूबर दिन सोमवार को होगा। 

*अष्टमी तिथि का श्राद्ध एवं जियुतिया का व्रत 2 अक्टूबर को होगा* क्योंकि सूर्योदय से दिन भर रहते हुए रात में 12 बजकर 22 मिनट तक अष्टमी तिथि व्याप्त रहेगी अतः अष्टमी का श्राद्ध 02 अक्टूबर दिन मंगलवार को होगा। *इसी दिन जीमूतवाहन पूजन ,अर्थात जिउतिया का व्रत* माताओ द्वारा पुत्र के दीर्घायुष्य के लिए निर्जला व्रत रखा जाएगा। ,गया मध्याष्टमी ,भी इसी दिन होगा साथ ही इसी दिन अर्धरात्रि में महालक्ष्मी का पूजन कर विगत 16 दिनों से चले आ रहे महालक्ष्मी व्रत के पूजन अनुष्ठान का कार्य भी सम्पन्न होगा। 

*नवमी तिथि का श्राद्ध 3 अक्टूबर को होगा* क्योंकि 3अक्टूबर दिन बुधवार को सूर्योदय से दिन भर रहते हुए रात में 10बजकर 02 मिनट तक नवमी तिथि व्याप्त रहेगी अतः मातृनवमी का श्राद्ध 03 अक्टूबर दिन बुधवार को होगा। *जियुतिया का पारण भी 3 को होगा।

ये भी पढ़ें: घर के मंदिर में नहीं होनी चाहिए ऐसी 4 मूर्तियां, छिन जाता है परिवार का सुख-चैन

*दशमी तिथि का श्राद्ध 4 अक्टूबर को होगा* क्योंकि 4 अक्टूबर दिन गुरुवार को सूर्योदय पूर्व से दिन भर रहते हुए रात में 07बजकर 35 मिनट तक दशमी तिथि व्याप्त रहेगी अतः दशमी का श्राद्ध 04 अक्टूबर दिन गुरुवार को होगा। गुरुपूर्णा योग भी इसी दिन बन रहा है।

*एकादशी तिथि का श्राद्ध 5 अक्टूबर को होगा* क्योंकि 5 अक्टूबर दिन शुक्रवार को सूर्योदय पूर्व से दिन भर रहते हुए दोपहर बाद 05बजकर12 मिनट तक एकादशी तिथि व्याप्त रहेगी अतः एकादशी का श्राद्ध 05 अक्टूबर दिन शुक्रवार को होगा। *शुक्र नंदा सिद्ध योग* भी इसी दिन होगा।

*द्वादशी तिथि का श्राद्ध 6 अक्टूबर को होगा* क्योंकि 6 अक्टूबर दिन शनिवार को सूर्योदय पूर्व रात भर से रहते हुए दोपहर 02बजकर 52 मिनट तक द्वादशी तिथि व्याप्त रहेगी अतः द्वादशी का श्राद्ध 06 अक्टूबर दिन शनिवार को होगा। *शनि प्रदोष व्रत* भी इसी दिन होगा।

*त्रयोदशी तिथि का श्राद्ध 7 अक्टूबर को होगा* क्योंकि 7 अक्टूबर दिन रविवार को सूर्योदय पूर्व रात से रहते हुए दोपहर 12 बजकर 43 मिनट तक त्रयोदशी तिथि व्याप्त रहेगी अतः त्रयोदशी का श्राद्ध 07 अक्टूबर दिन रविवार को होगा। *मास शिव रात्रि व्रत* भी इसी दिन होगा।

*चतुर्दशी तिथि का श्राद्ध भी 7 अक्टूबर को होगा* क्योंकि दोपहर 12 बजकर 43 मिनट के बाद चतुर्दशी तिथि लग जाएगी जो 8 अक्टूबर दिन सोमवार को दिन में 10 बजकर 47 मिनट तक ही व्याप्त रहेगी, जिसमे मध्यान्ह नही मिल रहा है ,अतः चतुर्दशी का श्राद्ध भी 07 अक्टूबर दिन रविवार को ही हो जाएगा ।

*पितृविसर्जन, सर्वपितृ श्राद्ध महालय 8 अक्टूबर को होगा* क्योंकि 8 अक्टूबर दिन सोमवार को दिन में 10बजकर 47 मिनट के बाद अमावस्या तिथि लग जायेगी जो 9 अक्टूबर दिन मंगलवार को दिन में 09:10 बजे तक ही रहेगी। अतः सर्व पैतृ अमावस्या का श्राद्ध मध्यान्ह काल मे अमावस्या मिलने के कारण 8 अक्टूबर दिन सोमवार को हो जाएगा। जिन पितरों के मृत्यु तिथि ज्ञात न हो सबका श्राद्ध 8 अक्टूबर दिन सोमवार को कर दिया जाएगा।

- ज्योतिर्विद पं दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली

English summary :
Pitru Paksha Significance, Muhurat ,Pitru Paksha Puja Vidhi in Hindi: Pitru Paksha is the best time to get rid of pitra dosh. In this favor, the Shraddha puja performed with reverence at the right time can bring happiness to the person's life. This year Pitru Paksha starting from 25th September, which will last for 16 days and is the last Shraddha on October 8.


Web Title: Pitru Paksha 2018: Important dates, significance of shradh paksha 2018

पूजा पाठ से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे