Pitra Paksha 2019: पितृपक्ष में नहीं करें लोहे के बर्तनों का इस्तेमाल, ये बातें भी जानना है जरूरी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 5, 2019 02:38 PM2019-09-05T14:38:55+5:302019-09-05T14:38:55+5:30

Pitra Paksha 2019: पितृपक्ष इस बार 13 सितंबर से शुरू हो रहा है। भाद्रपद मास के पूर्णिमा से लेकर अश्विन मास की अमवास्या के बीच श्राद्ध कर्म और पिंड दान करने की परंपरा है।

Pitra Paksha 2019 kab hai, date and things not to do during Shradh Period | Pitra Paksha 2019: पितृपक्ष में नहीं करें लोहे के बर्तनों का इस्तेमाल, ये बातें भी जानना है जरूरी

पितृपक्ष इस बार 13 सितंबर से शुरू हो रहा है (फाइल फोटो)

HighlightsPitra Paksha 2019: पितृपक्ष 13 सितंबर से हो रहा है शुरूपितृपक्ष में पितरों की पूजा और पिंडदान की है विशेष मान्यताभाद्रपद मास के पूर्णिमा से लेकर अश्विन मास की अमवास्या तक रहता है पितृपक्ष

हिंदू मान्यताओं में पितृपक्ष के दौरान पितरों की पूजा और पिंडदान करने की विशेष मान्यता है। कहते हैं कि पितृ पक्ष के दौरान पितृ लोक के द्वार खुलते हैं और सभी पितर धरती पर आगमन करते हैं। यही कारण है कि इन दिनों में उनकी पूजा, तर्पण या श्राद्ध आदि किया जाता है। पितृपक्ष के दौरान कई सावधानियां भी बरती जानी चाहिए। ऐसा नहीं करने पर पितरों की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है और जीवन में बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है।

इस बार पितृपक्ष 13 सितंबर से शुरू हो रहा है। पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के पूर्णिमा से लेकर अश्विन मास की अमवास्या (करीब 15 दिन) के बीच श्राद्ध कर्म और पिंड दान आदि किया जाता है। आईए जानते हैं कि पितृपक्ष के दौरान किन-किन बातों का विशेष तौर पर ध्यान रखना चाहिए...

1. गाय का अपमान नहीं करें: पितृपक्ष के दौरान नियमित रूप से पशु-पक्षी को भोजन और जल देना चाहिए। किसी भी जीव को परेशान नहीं करें। ऐसे करने पर आपके पितृजन आपसे नाराज हो सकते हैं। गाय और ब्राह्मण का विशेष रूप से अपमान नहीं करें। 

2. भिक्षुक, अतिथि का अपमान नहीं करें: इस अवधि में अपने घर आने वाले किसी भी अतिथि का अनादर नहीं करें। मान्यता है कि पितर कोई भी रूप धारण कर हमारे-आपके द्वार पर आ सकते हैं। इसलिए इस दौरान किसी भिक्षुक, अतिथि या आगंतुक का अनादर नहीं करें।

3. लोहे के बर्तन का नहीं करें इस्तेमाल: पितृपक्ष में पूजा के दौरान लोहे के बर्तन का इस्तेमाल नहीं करें। मान्यता है कि ऐसा करने से परिवार पर इसका अशुभ प्रभाव पड़ता है। यही कारण है कि इस पूजा में तांबा, पीतल या फिर अन्य धातु के बर्तनों का ही इस्तेमाल करना चाहिए।

4. बासी खाना नहीं खाएं: पितृपक्ष में इस बात का विशेष ध्यान रखें कि आप किसी भी प्रकार का बासी खाना नहीं खाएं। मांस और शराब का सेवन भी नहीं करें। पितृ पक्ष के दौरान पेड़-पौधे नहीं काटें। ऐसा करने से भी पितृ-दोष का सामना करना पड़ता है। 

5. नये कपड़े नहीं खरीदे: पितृपक्ष में नये वस्त्र या कोई नई चीज नहीं खरीदनी चाहिए। ऐसा करने से आप पर पितृदोष लग सकता है। वैसे, भी यह शोक का माहौल होता है। ऐसे में नये और शुभ काम नहीं करने चाहिए।

6. तेल का उपयोग नहीं करें: पितृपक्ष के दौरान अगर आप श्राद्ध आदि कर रहे हैं तो अपने शरीर पर तेल-साबुन या साज-सज्जा की किसी भी वस्तु का उपयोग नहीं करें। इसे वर्जित माना गया है। साथ ही पान भी नहीं खाएं। इसके अलावा दूसरों के घर का खाना भी नहीं खाना चाहिए।

7. बाल नहीं कटाएं: पितृपक्ष के दौरान घर के पुरुषों को बाल कटाने, शेव करने या नाखून आदि काटने से इस 15 दिन बचना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से धन की हानि होती है।

Web Title: Pitra Paksha 2019 kab hai, date and things not to do during Shradh Period

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