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सोमवार को मौनी अमावस्या, बन रहा दुर्लभ संयोग, लाभ पाने के लिए अवश्य करें ये 5 काम

By गुलनीत कौर | Updated: February 1, 2019 12:56 IST

मौनी अमावस्या पर साधक को मौन रहकर व्रत करना होता है, इसलिए भी इस अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। व्रत कर रहे साधक को व्रत का संकल्प लेने के बाद और पारण से पहले तक मौन रहना होता है।

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माघ महीने की अमावस्या को हिन्दू धर्म में मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इसदिन लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और मान्यतानुसार अपने पापों से मुक्ति पाते हैं। यूं तो साल में बारह बार अमावस्या आती है किन्तु माघ महीने की मौनी अमावस्या का महत्व अधिक है। इस वर्ष 4 फरवरी को माघी अमावस्या (मौनी अमावस्या) है।

मौनी अमावस्या 2019 शुभ मुहूर्त:

हिन्दू पंचांग के अनुसार मौनी अमावस्या 4 फरवरी को है किन्तु ज्योतिष परिणामों की मानें तो 3 फरवरी की रात 11 बजकर 50 मिनट से ही अमावस्या तिथि प्रारंभ हो जाएगी जो कि अगले दिन 4 फरवरी की दोपहर 2 बजाकर 30 मिनट तक मान्य रहेगी। इस बीच स्नान, पूजा-पाठ, दान कर्म करें।

अमावस्या तिथि सोमवार को होने का कारण इसे दुलर्भ संयोग माना जा रहा है। सोमवार चन्द्रमा का दिन होता है और मौनी अमावस्या को चन्द्रमा का नक्षत्र' श्रवण' ही होगा। इन दो संयोगों से इस साल की मौनी अमावस्या को ढेर सारे शुभ फल प्रदान करने वाली माना जा रहा है। 

मौनी अमावस्या का महत्व:

मौनी अमावस्या को हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण माना गया है। इसदिन गंगा, यमुना, नर्मदा, कावेरी जैसी पवित्र नदियों में स्नान करने का महत्व होता है। यदि पवित्र नदी तक ना पहुंच सकें तो गंगा जल से स्नान करने से भी देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

मौन रहकर करें व्रत:

मौनी अमावस्या का नाम मौनी इसलिए भी पड़ा क्योंकि इसदिन मौन रहकर व्रत किया जाता है। व्रत का संकल्प लेने वाला साधक पूरे दिन तक कुछ नहीं कहा सकता। उसे शांत रहकर ईश्वर को अपना समय देना होता है। व्रत का पारण करें के बाद ही वह कुछ कह सकता है।

यह भी पढ़ें: फरवरी में चार बड़े ग्रह बदलेंगे अपनी राशि, रहें सावधान, बुरे प्रभावों से बचने के लिए करें ये काम

मौनी अमावस्या उपाय:

1) मौनी अमावस्या पर पवित्र नदी में स्नान अवश्य करें, या फिर गंगाजल मिलाकर स्नान करें2) इस दिन प्रातः जल्दी उठाकर स्नान करें और सूर्य को अर्घ्य देना ना भूलें3) अन्न, वस्त्र का दान करना इसदिन शुभ माना जाता है4) सुबह विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ अवश्य करें5) घर में बड़ों का आदर करें और उनसे प्रेमपूर्वक बात करें

 

टॅग्स :मौनी अमावस्याअमावस्यापूजा पाठ
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