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Makar Sankranti 2021: मकर संक्रांति पर सूर्य देव को जल कैसे चढ़ाएं, जानिए शुभ मुहूर्त, दान और पूजा विधि

By विनीत कुमार | Updated: January 14, 2021 07:44 IST

मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान, सूर्य देव को जल चढ़ाने और दान करने का महत्व विशेष है। भगवान सूर्य को जल अर्पित करते हुए 'ऊं सूर्याय नम:' मंत्र का भी जाप करना चाहिए।

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ठळक मुद्देमकर संक्रांति का त्योहार 14 जनवरी को मनाया जा रहा है पूरे देश में, दक्षिण भारत में पोंगलतांबे के लोटे से सूर्य देव को मकर संक्रांति के दिन चढ़ाए जल, लाल फूल सहित चंदन और तिल भी रखेंमान्यताओं के अनुसार सूर्य देव को जल चढ़ाने के बाद क्षमता के अनुसार दान करना चाहिए

Makar Sankranti 2021: मकर संक्रांति का त्योहार आज मनाया जा रहा है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार सूर्य जब अपनी राशि बदलते हैं तो संक्रांति मनाई जाती है। मकर राशि में उनके प्रवेश के दिन को मकर संक्रांति कहा गया है। यही कारण है कि इस विशेष दिन का बहुत महत्व है।

इसे उत्तरायण भी कहा गया है। मकर संक्रांति से पिछले एक महीने से चला आ रहा मलमास या खरमास खत्म हो जाता है और शुभ दिनों की शुरुआत होती है। यही कारण है कि उत्तरायण को देवताओं का दिन कहा गया है।

मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान और फिर दान देने की परंपरा है। भगवान सूर्य की उपासन का महत्व विशेष है। ऐसे में आइए जानते हैं कि सूर्य देव को जल चढ़ाने और दान आदि का सही तरीका क्या है।

Makar Sankranti Puja Vidhi: मकर संक्रांति पर कैसे चढ़ाएं जल

मकर संक्रांति के दिन तड़के उठकर स्नान आदि करना चाहिए। इसके लिए आप किसी पवित्र नदी में जा सकते हैं। अगर नदी की ओर जाना संभव नहीं है तो घर में पानी में तिल डाल कर स्नान करना चाहिए।

 

इसके बाद सूर्य देव को जल चढ़ाने की परंपरा है। सूर्य देव को जल चढ़ाने के लिए तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें लाल फूल, चंदन, तिल और गुड़ रख लें। जल के इसी मिश्रण को सूर्य देव को अर्पित करें।

भगवान सूर्य को जल अर्पित करते हुए 'ऊं सूर्याय नम:' मंत्र का भी जाप करना चाहिए। साथ ही इसके बाद अपनी क्षमता के अनुसार वस्त्र और अन्न आदि दान करना चाहिए। तिल के दान का महत्व खास है। साथ ही चावल, दाल, खिचड़ी का दान भी बहुत शुभ माना गया है। इसके अलावा ब्रहामण को भोजन कराने की भी परंपरा है।

Makar Sankranti: स्नान और दान का शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार इस बार मकर संक्रांति पर पुण्य काल का मुहूर्त सुबह 8 बजकर 3 मिनट से दोपहर 12:30 बजे तक का रहेगा। वहीं, महापुण्य काल मुहूर्त सुबह 8:03 से 8:27 तक का होगा।

बता दें कि देश भर में मकर संक्रांति अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में जहां दही-चूड़ा, गुड़, तिल का लड्डू और खिचड़ी आदि खाने की परंपरा है। वहीं, दक्षिण भारत में मकर संक्रांति के दिन ही पोंगल का त्योहार भी मनाया जाता है। 

असम, मेघालय में इस दिन को माघी बिहू के त्योहार के तौर पर मनाया जाता है। वहीं, गुजरात में उत्तरायण पर्व मनाया जाता है। 

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