लाइव न्यूज़ :

कुंभ मेला 2019: 12 दिनों तक चला था देवताओं और दानवों का युद्ध, पढ़े कुंभ का इतिहास

By मेघना वर्मा | Updated: January 5, 2019 14:20 IST

Kumbh Mela 2019 Prayagraj: चार शहरों प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में होने वाले इस कुंभ की पौराणिक कथा भी उतनी ही रोमांचक है जितना ये कुंभ का मेला।

Open in App

तीर्थराज प्रयाग में हर साल देश के सबसे बड़े मेले कुंभ का आयोजन किया जाता है। इस साल 14 जनवरी यानी मकर संक्राति से माघ की शुरुआत हो रही है। देश-विदेश से लोग इस पवित्र संगम में डुबकी लगाने आते हैं। मान्यता है कि कुंभ में पवित्र नदी गंगा में नहाने से सारे पाप धुल जाते हैं। चार शहरों प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में होने वाले इस कुंभ की पौराणिक कथा भी उतनी ही रोमांचक है जितना ये कुंभ का मेला। आइए आपको बताते हैं कुंभ का इतिहास। 

समुद्र मंथन से शुरू होती है कहानी

कुंभ के इतिहास की बात करें तो ये शुरू हुआ था समुद्र मंथन से। बताया जाता है कि महर्षि दुर्वासा के श्राप के कारण इंद्र जब कमजोर हो गए तो सभी दैत्यों ने मिलकर देवताओं पर हमला कर दिया। अब जब सभी देवता परास्त होने लगे तो मदद के लिए वह भगवान विष्णु के पास गए।

विष्णु ने दैत्यों के साथ मिलकर क्षीर सागर से अमृत निकालने की सलाह दी। इसी के बाद से शुरु हुआ समुद्र मंथन। 

12 दिन तक चला युद्ध

पवित्र अमृत के लिए समुद्र मंथन में कई दिनों तक देवताओं और राक्षसों के बीच मंथन होता रहा। जिसमें से कई अनमोल चीजें प्रप्त हुईं। जब मंथन से अमृत निकला तो देवताओं के इशारे पर इंद्र के पुत्र जयंत ने अमृत कलश को लेकर आकाश में उड़ गए। इसके बाद दैत्यों ने जयंत का पीछा किया। इसके बाद 12 दिनों तक दैत्यों और देवताओं के बीच अमृत के लिए युद्ध होता रहा।   

जब गिरी अमृत की बूंदे

कहते हैं जब देवता और दानवो के बीच लड़ाई हो रही थी तब अमृत की कुछ बूंदे प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और चौथी बूंद नासिक में गिरी। यही कारण है कि हर साल कुंभ इन्हीं चार जगहों पर मनाया जाता है। कहते हैं कि पृथ्वी लोक में स्वर्ग लोक का एक दिन एक साल के बराबर मनाया जाता है। यही कारण है कि कुंभ कुल 12 होते हैं। जिनमें से चार कुंभ पृथ्वी पर और आठ कुंभ देवलोक में होते हैं।

टॅग्स :कुम्भ मेला
Open in App

संबंधित खबरें

पूजा पाठHaridwar Ardh Kumbh 2027: अखाड़ा परिषद ने शाही स्नान का कार्यक्रम घोषित किया, तैयारियां जारी

पूजा पाठKumbh Mela: प्रयागराज के बाद अब कहां और कब लगेगा कुंभ मेला? जानें यहां

भारतNashik Simhastha Kumbh Mela 2027: एआई से भीड़ को कंट्रोल करेंगे सीएम देवेंद्र फडणवीस?, नासिक सिंहस्थ कुंभ मेले को लेकर बुलाई बैठक

भारतमहाकुंभ में महाजाम और महाप्रदूषण से बचा जा सकता था

भारतwatch: किसी ने मां तो किसी ने रिश्तेदार को खो दिया?, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ का दर्द सुनिए, स्टेशन और अस्पताल से देखें 20 वीडियो

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठसभ्यता-संस्कृति का संगम काशी तमिल संगमम

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 06 December 2025: आज आर्थिक पक्ष मजबूत, धन कमाने के खुलेंगे नए रास्ते, पढ़ें दैनिक राशिफल

पूजा पाठPanchang 06 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 05 December 2025: आज 4 राशिवालों पर किस्मत मेहरबान, हर काम में मिलेगी कामयाबी

पूजा पाठPanchang 05 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय