लाइव न्यूज़ :

Ganesh Chaturthi 2022 Date: गणेश चतुर्थी कब है? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

By रुस्तम राणा | Updated: August 25, 2022 14:08 IST

इस साल गणेश चतुर्थी पर्व 31 अगस्त, बुधवार को मनाया जाएगा। इस दिन गणपति बप्पा को घर में विराजित किया है और रोजाना इसकी पूजा की जाती है। इसके बाद दसवें दिन गणपति की प्रतिमा को विसर्जित किया जाता है, जिसे गणेश विसर्जन कहते हैं।

Open in App

Ganesh Chaturthi 2022 Date and Time in India:गणेश चतुर्थी पर्व विघ्नहर्ता भगवान गणेश जी को समर्पित है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल गणेश चतुर्थी पर्व भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इसे विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है। दस दिनों तक चलने वाला यह त्योहार भारत वर्ष में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। लेकिन अगर महाराष्ट्र की बात करें तो वहां इस पर्व की बड़ी धूम होती है। 

 2022 में गणेश चतुर्थी कब है?

इस साल गणेश चतुर्थी पर्व 31 अगस्त, बुधवार को मनाया जाएगा। इस दिन गणपति बप्पा को घर में विराजित किया है और रोजाना इसकी पूजा की जाती है। इसके बाद दसवें दिन गणपति की प्रतिमा को विसर्जित किया जाता है, जिसे गणेश विसर्जन कहते हैं। गणेश उत्सव में 10 दिनों तक गणपति की आराधना करने के पश्चात 09 सितंबर, शुक्रवार को अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति बप्पा को विसर्जित किया जाएगा। 

गणेश चतुर्थी मुहूर्त 2022

भादो शुक्ल की चतुर्थी तिथि प्रारंभ- 30 अगस्त, मंगलवार को दोपहर 3 बजकर 33 मिनटभादो शुक्ल की चतुर्थी तिथि समाप्त - 31 अगस्त, बुधवार को दोपहर 3 बजकर 22 मिनट गणेश पूजा का मुहूर्त - 31 अगस्त, बुधवार को 11 बजकर 05 मिनट से दोपहर 01 बजकर 38 मिनट तक

गणेश चतुर्थी स्थापना विधि 

गणेश चतुर्थी के दिन स्नान आदि करके साफ वस्त्र धारण करके भगवान गणेश की मूर्ति लानी चाहिए। चौकी को गंगाजल से साफकर उसपर लाल या हरे रंग का साफ वस्त्र बिछाएं। इसके बाद आसन पर पर अक्षत रखें और अक्षत के ऊपर भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करें। भगवान गणेश की मूर्ति पर गंगाजल छिड़कें। भगवान गणेश को जनेऊ धारण कराएं और बाएं ओर अक्षत रखकर कलश स्थापना करें।

कलश पर स्वास्तिक का चिन्ह भी बनाएं। कलश में आम के पत्ते और नारियल पर कलावा बांधकर कलश पर रखें। कलश स्थापना के बाद गणपति बप्पा को दूर्वा अर्पित करने के बाद उन्हें पंचमेवा और मोदक का भोग लगाएं। भगवान गणेश को फूल-माला, रोली आदि अर्पित करें। गणपति जी का अब रोली से तिलक करें। तिलक करने के बाद गणेश जी के सामने अखंड दीपक जलाएं और यह दाईं ओर रख दें। अब भगवान गणेश की आरती उतारें।

गणेश चतुर्थी का महत्व

किसी भी शुभ काम की शुरूआत करनी हो या फिर किसी विघ्न को दूर करने की प्रार्थना करनी हो, गजानन सबसे पहले याद आते हैं। कोई भी सिद्धि हो या साधना, विघ्नहर्ता गणेशजी के बिना सम्पूर्ण नहीं मानी जाती। पौराणिक कथा के अनुसार, गणेशजी शिव-पार्वती के पुत्र के रूप में जन्मे थे। उनके जन्म पर सभी देवों ने उन्हें आशाीर्वाद भिन्न-भिन्न प्रकार के आशीर्वाद दिए थे।

भगवान विष्णु ने उन्हें ज्ञान का, ब्रह्मा ने यश और पूजन का, शिव ने उदारता, बुद्धि, शक्ति एवं आत्म संयम का आशीर्वाद दिया। लक्ष्मी ने कहा कि जहां गणेश रहेंगे, वहां मैं रहूंगी।’ सरस्वती ने वाणी, स्मृति एवं वक्तृत्व-शक्ति प्रदान की। सावित्री ने बुद्धि दी। त्रिदेवों ने गणेश को अग्रपूज्य, प्रथम देव एवं रिद्धि-सिद्धि प्रदाता का वर प्रदान किया। 

 

टॅग्स :गणेश चतुर्थीहिंदू त्योहारभगवान गणेश
Open in App

संबंधित खबरें

पूजा पाठMargashirsha Purnima 2025 Date: कब है मार्गशीर्ष पूर्णिमा? जानिए तिथि, दान- स्नान का शुभ मुहूर्त, चंद्रोदय का समय और महत्व

पूजा पाठDecember Vrat Tyohar 2025 List: गीता जयंती, खरमास, गुरु गोबिंद सिंह जयंती, दिसंबर में पड़ेंगे ये व्रत-त्योहार, देखें पूरी लिस्ट

पूजा पाठVivah Panchami 2025: विवाह पंचमी 25 नवंबर को, वैवाहिक जीवन में प्रेम बढ़ाने के लिए इस दिन करें ये 4 महाउपाय

भारतदरगाह, मंदिर और गुरुद्वारे में मत्था टेका?, बिहार मतगणना से पहले धार्मिक स्थल पहुंचे नीतीश कुमार, एग्जिट पोल रुझान पर क्या बोले मुख्यमंत्री

पूजा पाठKartik Purnima 2025: कार्तिक पूर्णिमा आज, जानें महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठसभ्यता-संस्कृति का संगम काशी तमिल संगमम

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 06 December 2025: आज आर्थिक पक्ष मजबूत, धन कमाने के खुलेंगे नए रास्ते, पढ़ें दैनिक राशिफल

पूजा पाठPanchang 06 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 05 December 2025: आज 4 राशिवालों पर किस्मत मेहरबान, हर काम में मिलेगी कामयाबी

पूजा पाठPanchang 05 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय